Book Title: Jinmandiradi Lekh Sangraha
Author(s): Sushilsuri, Ravichandravijay
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 215
________________ २४-६-८९ के दिन प्रातः श्रीमान् कुन्दनमल गुलाबचन्दजी भादरजण वालों ने सुबह में प्रभु की पूजा पढ़ाई और स्वामीवात्सल्य भी किया। दोपहर में भी पूर्ववत् पूजा पढ़ाने का कार्यक्रम चालू रहा । उसी दिन श्रीमान् कमलेशकुमार सरेमलजी के घर पर परम पूज्य दोनों आचार्य महाराज चतुर्विध संघ समेत बैन्ड के साथ पधारे । ज्ञानपूजन तथा मंगल प्रवचन के पश्चात् वहाँ पर भी संघपूजा हुई । (७) जेठ ( आषाढ़ ) वद रविवार दिनांक २५-६-८६ के दिन 'श्री भक्तामर महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाई गई तथा स्वामीवात्सल्य भी श्रीमान् मोहनलाल सरेमलजी की ओर से हुआ । चालू महोत्सव की भी पूर्णाहुति हुई । 67 * जेठ (आषाढ़) वद ८ सोमवार दिनांक २६-६-८६ के दिन प्रातः विहार द्वारा पूज्यपाद आचार्य म. सा. आदि बलदरा गाँव में पधारे । उनका श्रीसंघ की ओर से बैन्ड युक्त स्वागत हुआ । जिनमन्दिरों के दर्शनादि किये । व्याख्यान में जिनमन्दिर अंगे पूज्यश्री ने मार्गदर्शन श्रीसंघ को दिया । बाद में प्रभावना हुई । ( ५२ )

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