Book Title: Jinmandiradi Lekh Sangraha
Author(s): Sushilsuri, Ravichandravijay
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 207
________________ देसूरी में स्वागत तथा जिनमन्दिरों के दर्शन एवं रात को भावना का कार्यक्रम रहा । ६. वैशाख (ज्येष्ठ) वद ३ प्रातः मंगलवार दिनांक २३-५-८६ के दिन घाणेराव में जिनमन्दिरों के दर्शन तथा श्री मुछालामहावीर तीर्थ में जैनपेढ़ी द्वारा स्वागत, देवदर्शन, व्याख्यान, पूजा-प्रभावना तथा स्वामीवात्सल्य का कार्यक्रम रहा। शाम को घाणेराव-कीर्तिस्तम्भ में स्वागत, देवदर्शन एवं रात को भावना का कार्यक्रम रहा । ७. वैशाख (ज्येष्ठ) वद ४ बुधवार दिनांक २४-५-८६ के दिन प्रातः सादड़ी में संघ द्वारा स्वागत, जिनमन्दिरों के दर्शन, पू. पंन्यास श्री कुन्दकुन्द विजयजी गणि तथा पू. मुनिराज श्री शालिभद्र विजयजी आदि एवं पू. वयोवृद्ध मुनिराज श्री मुक्तिविजयजी म. आदि का सम्मिलन, प्रवचन, पूजा-प्रभावना का कार्यक्रम रहा । शाम को श्रीमान् पुखराजजी की बगीची में संघ के स्वागत पूर्वक पधारने के पश्चात् पूज्यपाद आचार्य म. सा. का मंगल प्रवचन हुअा। संघपूजा हुई तथा रात को भावना का कार्यक्रम रहा । ८. वैशाख (ज्येष्ठ) वद ५ गुरुवार दिनांक ( ४४ )

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