________________
( ३२ ) (४) श्रीकृष्णजी ने स्वयं प्राकर नरसिंह महेता के कितने काम कर दिये । कुवरबाई का मामेरा तथा नागरी जात को जिमा दी। इसीलिए तो जनता बोल रही है कि
'भक्त के आधीन भगवान ।' नरसिंह महेता भी कहते हैं किकुल ने तजिए, कुटुम्ब ने तजिए, तजिए, माँ ने बाप रे । सुत दारा वनिता ने तजिए, कंचुली तजे जेम साँप रे । नारायण, नाम ज लेतां, वारे तेने तजिए रे ॥
(५) गुरु के वचनों पर विश्वास रखकर अखण्ड श्रद्धापूर्वक साठ वर्ष व्यतीत करने वाली शबरी भील कन्या को लोग कहने लगे कि-"अली गांडी ! क्या इस तरह राम आ जायेंगे ?” ऐसा होते हुए भी गुरुवचनों में अचल श्रद्धा रखने से श्रीराम को पाना ही पड़ा और श्रीराम के लिए चख-चखकर इकट्ठ किये हुए बोर जब शबरी भीलकन्या ने श्रीराम के सामने रखे तब श्रीराम ने उन जूठे बोरों को पूर्ण प्रेम से खाया। शबरी भीलकन्या का जीवन धन्य बन गया।
भक्त भगवान की भक्ति में जब मग्न-लीन बन जाता है तब उसमें दिव्य प्रेम का संचार होता है। उसका