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( 6 ) धर्मी जीवों-धर्मात्माओं को अहर्निश जिनमन्दिर जाना चाहिए और जिनदर्शन एवं जिनपूजा-पूजन प्रमुख का अनुपम लाभ अवश्य लेना चाहिए। श्रीवीतराग विभु के अनुयायी श्रद्धावंत श्रावक को अपना निवास-स्थान जिनमन्दिर-जिनालय के समीप में ही रखना चाहिए, ऐसा शास्त्र में विधान है।
जिनमन्दिर जाने की विधि का आदर होना चाहिए
(१) प्रभु के दर्शनादि के लिए जिनमन्दिर जाने की इच्छा मात्र करने पर एक उपवास का लाभ होता है । अर्थात् एक उपवास का फल मिलता है ।
(२) जिनमंदिर जाने के लिए खड़ा होने पर बेले यानी दो उपवास का फल मिलता है । अर्थात् दो उपवास का पुण्य प्राप्त होता है ।
(३) जिनमंदिर जाने के लिए पैर उठाने पर तेले यानी तीन उपवास का फल मिलता है ।
(४) जिनमंदिर जाने के लिए कदम उठाते ही अर्थात् चलना प्रारम्भ करने पर चार उपवास का पुण्य प्राप्त होता है ।