Book Title: Jinmandiradi Lekh Sangraha
Author(s): Sushilsuri, Ravichandravijay
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 196
________________ ऋषभदेव बावन जिनालय में अठारह अभिषेक विधिपूर्वक हुए। (6) चैत्र (वैशाख) वद ६ गुरुवार दिनांक २७-४-८६ के दिन गाँव के श्री शान्तिनाथ जिनमन्दिर में अठारह अभिषेक विधिपूर्वक हुए। उसी दिन जलयात्रा का भव्य वरघोड़ा रथ, इन्द्रध्वज, हाथी, घोड़े तथा बैन्ड आदि युक्त निकाला गया। (१०) चैत्र (वैशाख) वद ७ शुक्रवार दिनांक २८-४-८९ के दिन 'बृहद् शान्तिस्नात्र' विधिपूर्वक पढ़ाया गया। उसी दिन नौकारशी हुई तथा ३६ कौम में प्रत्येक के घर मिष्ट प्रसादी भेजी गई। शाम को पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि रानी स्टेशन पधारे । (११) चैत्र (वैशाख) वद ८ शनिवार दिनांक २६-४-८६ के दिन सत्तरह भेदी पूजा पढ़ाई गई। सार्मिक वात्सल्य तथा अभिनन्दन (बहुमान) समारोह का कार्यक्रम भी हुआ। उसी दिन खीमेल में ग्यारह दिन के अभूतपूर्व महोत्सव की निर्विघ्न पूर्णाहुति हुई। खीमेल के इतिहास में यह महा मंगलकारी भव्य महोत्सव' सुवर्णाक्षरे अंकित होने वाला सम्पन्न हुआ। ( ३३ )

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