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जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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प्रमाण
सं १. सं. २
९. दर्शन मार्गणा ४३४ चश्च दर्शन
REC
RFE
४३७ अचक्षु दर्शन
[४२] अवधि दर्शन
केवल दर्शन चक्षु दर्शन
RE
अच् दर्शन
अवधि दर्शन
दर्शन
१०. लेश्या मार्गा
मार्गणा
11
| ४३६ | कृष्ण नील कापोत २३६ तेज
२६०
४४१ पद्म
४४३ शुक्ल कृष्ण नील कापोत
२६१
२६४
कृष्ण नील
गुण स्थान
१
२-१२
१-१२.
४-१२
१३-१४
३
४
४
स्वस्थान स्वस्थान विहारवतस्वस्थान
त्रि. / असं..ति./सं.. मxअसं.
त्रि. असं ति./सं.
म असं.
12
20
सव
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5 लोक
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5
असं.
म
त्रि.अ.ति./संच असं असं
मx असं.
5. क लोक
त्रि. / असं.. ति./सं...
„
वेदना व कषाय समुद्धात
5
नपुंसक वेदवत
अवधि ज्ञानवद
केवल ज्ञानवत्
स्व ओघवत
मूलोघवद
मुलोधन्द
अबधि ज्ञानवत
केवल ज्ञानवद
नपुंसक वेदवत्
१४ लोक
S
लोक
सर्व
च/अर्स मरअर्स.
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किमुद्धात
१४ लोक
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लोक
लोक
त्रि... सिं.... मन्यसं.
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मारणान्तिक समुद्धात
S
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सर्व
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I w 120
१४
लोक
तोड
लोक १४. सर्व
क्रमशः ऽ
४
१४
१४
लोक
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उपपाद
(की अपेक्षा तेजस न आहारक ओघवद
१२. लोक व सर्व
१४
S
S
| | | | |
11 111 11
लो
लोक
Animalx
लोक
लोक १४
सव
तेजस आहारक व केवली समुद्धात
मारणान्तिकवत
च. / असं मxअसं. मारणान्तिकवत
: ।
मूलोघवद
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⠀⠀⠀
स्पर्श
४९०
३. स्पर्श विषयक प्ररूपणाएँ