Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 4
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 534
________________ स्वामित्व २. अष्टकर्मबन्धके स्वामियोंकी ओघ आदेश प्ररूपणा (घ./.सं./पृ.सं.) प्रकृति (म.नं./पु. सं. १. प्रकृति बन्ध मूल उत्तर बन्धक सामान्य २. स्थिति बन्ध मूल. 11 उत्तर मूल उत्तर | साता असाताके २,३,४ स्थानीय अनुभाग बंधक जीवोंकी अपेक्षा ३. अनुभाग बन्ध- मूल उत्तर मूल उत्तर वेदनीय मोहनीय काल सामान्य बोच आदेश ४. प्रदेश बन्ध ५. विशेषज्ञानावरणीय दर्शनावरणीय आयु नाम, गोत्र अन्तराय " ओघ आदेश बन्धकके भाव कालों में अपबहुत्व स्थानों - सं. पू. सं. विषय प्रकृति ओष आदेश मूल Jain Education International 19 " ११ 11 ज्ञानावरणी सू २. दर्शनीय अन्तराय मूल ३ वेदनीय मूल ५-७. आयु, नाम, गोत्र उत्कृष्ट अनुत्कृष्ट 27-88/00-936 म./२/३ म./२/२७६ ध. १९/३१६ म. /४/१५ म. /४/२१६ ध. १२/१३ म./६/२४ म./६/३ विषय प्रदेश संचय 11 11 ११ विषय क्षेत्र या अवगाहना "1 ५२७ भुजगार आदि पद म./२/१४ म. / २ / ३३ म. / ४ / २६६ म. /५/३४५ म./६/१४ उत्कृष्ट घ. १०/११ घ. १० / २२५ उत्कृष्ट भ. १२/१४ ध. ११/२६ ध. ११/२६ ध. १९/३३ वृद्धि हानि म. / २ / ३२ म./२/१३५ म. ४/१४ म./५/२३६ म./६/२२४६. अनुत्कृष्ट ध. १०/२१० घ. १०/२५५ अनुत्कृष्ट म. १९/२३ घ. ९९/२१ ध. १९/३३ घ. १९/३३ जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश For Private & Personal Use Only असंख्यात भागादि वृद्धि म. / २ / ११३ म. / ३ / ०१ म. /४/२१६ म./५/३६१ १६१४ घ. ११/२१९ ब. सं . / १२ / २५६२६७/२१४ जघन्य ध. १०/२६० ध, १० / ३१२ घ. १०/३१६ ध. १०/३१२ घ. १० / ३३० घ. १० / ३३० ध. १०/३१२ जघन्य घ. १९/३३ घ. १२/५३ 11 सामान्य स्वामित्व म./१/१२-१४ घ. ११/८७ अजघन्य ध. १०/२६६ घ. १०/२१४ घ. १०/३२७ घ. १०/११४ ध. १० / ३३६ ध. १०/३३० ध. १०/३१४ अजघन्य घ १९ / ३३ ध. ११/५३ " 17 www.jainelibrary.org

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