Book Title: Jain Gitavali
Author(s): Mulchand Sodhiya Gadakota
Publisher: Mulchand Sodhiya Gadakota
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११
( 6 ) ( " वधाई" जन्म समयकी )
कोई घर २ मँगलाचार सन्मति प्रगदाये ॥ टेक ॥ air ferrer forकारिणी जिनस्वामीजी ॥ कांई कुंटनपूरमें श्राय सन्मनि जन्मेजी ॥ १ ॥ कांटे व्याघ्र चिन्ह चरणन लसे जिनस्वामीजी ॥ कांई तपने सुवरन काय सन्मति जन्मेजी ॥ २ ॥ कांई वर्ष बहत्तर श्रायुधर जिनस्वामीजी ॥ कांई ऊंचे हाथजु सात सन्मनि जन्मेजी ॥ ३ ॥ कांई पुष्पोत्तरतं श्राहयौ जिनस्वामीजी ॥ कांई तीन ज्ञान सुखकार सन्मनि जन्मेजी ॥ ४ ॥ कां छुट थपाद सुदि जन्म लियो जिनस्वामीजी || सुदि चैत्र तेरसी जन्म सन्मति जन्मेजी ॥ ५ ॥ कांई माघवदी दश तप धरी जिनस्वामीजी ॥ कांई वंशास वदी पट ज्ञान सन्मति जन्मेजी ॥ ६ ॥ कां कार्तिक श्याम अमावसिया जिनस्वामीजी || कां गये अचन शिव धाम सन्मति जन्मेजी ॥ ७ ॥ कांई धर्मदृष्टि तुमने करी जिनस्वामीजी ॥ कांई जिनमारग दियौ पताय सन्मनि जन्मेजी ॥ ८ ॥ कांदे भव्य कमल प्रतियोधियां जिनस्वामीजी ॥ कांईं उपल नहीं विकसाय सन्मनि जन्मेजी ॥ ९ ॥ कांई अन ज्ञानमें तप घरों जिनस्वामीजी ॥ कोई एक सहस नृप साथ सन्मनि जन्मेजी ॥ १० ॥
चरन

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