Book Title: Jain Dharm me Aachar Shastriya Siddhant Part 03
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Jain Vidya Samsthan
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__ हमें यहाँ लिखते हुए अत्यधिक दुःख है कि श्री गुलाबचन्द हीराचन्दजी का 22.01.67 को निधन हो गया। वे ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष थे और उन्होंने ग्रंथमाला की प्रगति में तीव्र रुचि दर्शायी। सामान्य सम्पादकों ने उनमें निहित उपकारिता की निधि को तथा उच्चकोटि के उदारतावाद को खो दिया। उनके कारण अधिकतर हमारे प्रकाशनों की नीति की रूपरेखा तैयार हुई। यह हमारे लिए संतोष की बात है कि उनके पश्चात् उनके भाई श्री लालचंद हीराचंदजी हमारे अध्यक्ष बने। सेठ श्री लालचंदजी गतिशील प्रेरणा के लिए प्रसिद्ध हैं, . उनकी यह प्रेरणा, हम आशा करते हैं कि, संघ की गतिविधियों में नवीन उत्साह भर देगी।
हम मन से धन्यवाद करते हैं श्री वालचन्द देवीचन्दजी और श्री माणकचन्द वीरचन्दजी का जो इन प्रकाशनों में सक्रिय रुचि ले रहे हैं। उनके सहयोग और सहायता के बिना सामान्य संपादकों के लिए विविध प्रकार के प्रकाशनों को संपादित करना कठिन होता।
ए. एन. उपाध्ये
कोल्हापुर
एच. एल. जैन
जबलपुर
(XXVIII)
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