Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज
अचेल ४, ८, ११, २०, २० नोट, २५, २१३ अध्यापक और विद्यार्थी २८६-८८
अध्यापक का सम्मान २९३
अच्छा (जनपद) ४७८ अजातशत्रु ( कूणिक) अजपाल ( गड़रिया ) १३१ अजितके कंबली १२
अजितनाथ ३७२ अजिन सिद्धऋषि ४२८
अझधारिणी (बच्चों को ले जाने वाली)
२५७
अज्ञानवादी ४२१, ४२२, ४२२ नोट अट्टण (मल्ल) ३६७ अट्टणशाला ( व्यायामशाला ) ३३५ अट्टालिका ( अटारी ) १०६, ३३८,
३८९, ४६५
अट्ठकथा ३५
अट्ठाय (अर्थशास्त्र ) २९५ नोट ageगाम ( अस्थिकग्राम ) १२, ३३७,
अठारह श्रेणियां ४९, १६४-१६६
अडोलिया (गर्दभ की बहन ) २६६ अडोलिया (गिल्ली ) १५९, ३६० अड्डिय३६७
अढाई द्वीप ४५७
अण्डों का व्यापार १३९
अतिथि ४२४
अतिमुक्तक ३८५
४४१
अठारह लड़ी का हार ९४, ९८, १४३ अनुमहत्तर ३६४
नोट, ५११
अतिमुक्तककुमार ५०२
अतिशय ( तीन ) ३४३ अत्ता ( मुसाफिर ) ३९८
अत्तक्कोसिय ४२५
अत्थरग ( कोमल अस्तर ) ३३३ अदीनशत्रु २६२
अध्वप्रकरण ३९३-९५ अध्वानस्तेन ७२
अनंग सेना (गणिका) २७८
अनंतवीर्य ४९९
अनध्याय २९२
अनवद्या ( प्रियदर्शना ) १०
अनाज को सुरक्षित रखने के उपाय
अय ४२८
अद्धमास १८८, १८८ नोट अधमपुरुष (छह ) २४९ नोट
अध्ययन-अध्यापन २२७
१२२-३
अनाथपिंडक १६६ नोट, ४८५ अनार्य जाति ६, ९, २२१ अनार्य देश ११ अनार्य वेद २९४ नोट अनुत्तरोपपातिकदशा ५०८ अनुत्तरोपपातिक के तृतीय वर्ग में गड़बड़ी ३३ नोट
अनुद्वात ( पथरीली भूमि ) १२०
अनुयान ( रथयात्रा ) ३६३ अनुयोगद्वार ३०, २०९, २९४, ४१२ अनुरंगा ( घंसिका=गाड़ी ) १८०
अनुसूचक (गुप्तचर ) ६१ अनेकांतवाद २५
अन्तःकृद्दशा ४६४
अन्तःकुशांग के प्रथम वर्ग में गड़बड़ी
३३ नोट
अन्तःपुर ( तीन ) ५२, ५७ अन्तःपुर के रक्षक ५४-६ अन्तरंजिया १९ अन्तरस्तेन ७२
अन्तरापण (दुकान) १७३, १८७ अन्तरीय (वस्त्र) २१२ अन्तर्देशीय व्यापार १७० -५
अन्तर्धान ३४४, ३४६ अन्त्येष्टिक्रिया ३६९-७१, ३७४ अन्धकवृष्णि ( अंधकवृष्णि ) ३३, ५००,
५०१

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