Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan

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Page 637
________________ [ ६१६ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज सेचनक ( गंधहस्ती ) ९४, ९६ नोट, | सोरियदत्त ३१६ ९८, ९९, ५०८, ५११, ५१२ डुग (कपास) १४० सेडगतिल (सफेद तिल ) १२३ नोट सेण्ट निकोलस ७१ नोट तव्या (सेविया) १९, ५५, नोट सरपुर (सूर्यपुर) ५, ४९५, ५०० सोरियपुर १३९ सोरी (सूर का पुत्र ) ५०० सोलग (घोड़ों की देखभाल करने वाले ). १०२ ५८, ४८६ सोवरी ( शंबरी) ३४७ सोवागी ( श्वपाकी ) ३४७ सेतु १२० सेतुसीमा १२१ वीर (मदिरा) १९८, १९९, ४६९ सौगत ( भिक्षुक ) ४२७ सौगन्धिया (नगरी) ४१८, ४९२ नोट सौतिया डाह ५७-५८ सेनापति ( बलवाउय ) ६२, १०४ सेविया (सेतव्या ) सेलग (अश्वरूपधारी यक्ष ) ४३९ सेवा (पत्थरों के घर ) १४९ सेल्लगार ( भाला बनाने वाले ) २२२ सेवइयों का त्यौहार ३६२ - सौतेली माता के साथ विवाह २६६ सौतों का झगड़ा ६५-६६ सौधर्म इन्द्र ३२६ सौधर्म सभा ३२६ सेवाभक्खी ४१५ सेवालि ( तापस ) ४१५ सदविया (उदकशाला ) ४६३ सैन्यव्यवस्था ९२ - १०९ सौराष्ट्र २९, १२१ नोट, १७१ नोट, १७४, १८५, १८९, ३६७, ४७२, ४७३, ५०५ सौवीर (सिंघ ) ४८२ सोणिय ( शौनिक = शिकारी कुत्तों की स्कन्द १४९, १८४, २३६, २३७, २७१, सोरिय ( व्यापारी ) ५०२ सोरिय (यक्ष ) ४४३ सहायता से शिकार ) १३८ सोत्तिय ( सौत्रिक = सूत का व्यापार करने वाले ) १४०, २२२ सोत्तियशाला १८६ सोपान ३३३, ३३३ नोट सोप्पारय ( शूर्पारक = सोपारा) सोमदेव ( ब्राह्मण ) २९२ स्कन्दपुत्र (चोर) ७१ स्कंदपुराण २७२ नोट सोमदेव (आर्यरक्षित के पिता ) ३८५ स्कंदप्रतिमा ४३२ देसूर ४८३ सोमलिज (ब्राह्मण ) २२८ सोमिल (सोमलिज २२८ श्रीमंत ब्राह्मण ) १७ सोमिल (ब्राह्मण ) ५३ स्तूप ३६९, ४०७ सोमिल (महावीर के पूर्व पिता ) ३८५ स्तूप ( देवनिर्मित मथुरा में) ३३७, ३३७ सोमल (ब्राह्मण ) ४१४ नोट सोयामणि (सौदामिनी ) ३२६ नोट, ४८३ स्तूपनिर्माण ४, ३३६-३७, ४९३ स्तेयशास्त्र ७० स्तेयसुत्र ७० ३२९, ४२३, ४४० स्कन्द ( कुमार कार्तिकेय ) चोरों का देवता ७१ कंद (राजकुमार ) ४०७ स्कंदग्रह ४४१ स्कंदमह ४३२ स्कंदिल २४, २९, ३० नोट यज्ञकर्ता स्कंधावारनिवेश १०४, १०५ स्तंभनी (विद्या) ३४२

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