Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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५९८
महिरावण १२०
प्रिया (दुर्गा) ४४९ नोट
जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज
मठी (श्रावस्ती) ४८५ महेश्वर (महादेव) ४३४
महेश्वरदत्त ६२, २२८
मांत्रिक ४४२
मांसभक्षण २०३ - २०४ मांस भूनने के प्रकार २०१ नोट मायाक्खर (मातृकातर ) ३०२ माकंदी ४७०
कंदी (सार्थवाह) १७२
मागध गणिका ४०७
३०५, ३०५ नोट
माघ कवि ४७७
मागध ( भांट) २५८, ३६९, ४३९मागध (प्रस्थ ) ४१६
मागधी ३१, ३२, ३६, ३०३ नोट, ३०४, माषपुरी ४८४
माठर ६४, २९४ नोट, २९५
माबिक ३८७
मातंग ६ नोट, २३२, ३४५, ३४६
मातंग ऋषि ४३९
मातंग विद्या (मातंगी ) ३४७
मातंगों का यक्ष ४४३ माता-पुत्र का संभोग २६६
माथुरीवाचना २९, ३०
मादी ५०१, ५०६
माधवी (दासी) २७८ मानभूम ९
मानसी (विद्या) ३४६
(पांच प्रकार के ) १९० - १
मापतौल १९० - २ मामा की लड़की से विवाह २६५ माया (गौतम बुद्ध की माता) २३९ नोट रंग ( पहाड़ का देवता ) ९
मारणविधि २९७ नोट मार्कण्डेय ३२
मार्ग में कीलें गाड़ना १७९ -मार्गसूचक निशान ३०१
'मार्जारकृत कुक्कुटमांस' १५, १५ नोट, २०४, २०५ नोट
माल (चार प्रकार का ) १६६
मार्ग (विभिन्न ) १७८-९ मार्गभय ४७९
मार्ग (कीचड़ वाले) ३९७
मालव (देश) ३२ मालव (पर्वत) ७९
मालवा ७९, ४७८, ४८० मालाकार १५१, १५२ मालायें १२९, १४६, १५२, १७८ मालायें (तृण आदि की ) १२९ मालायें (बन्दरों की हड्डियों की ) १४६ मालिनी (चंपा ) ४६४ मालुकाकक्ष ७५
मास (मुद्रा) १८८, १८८ नोट माह (ब्राह्मण ) २२३, २२४, २२५,
४२४
माहेश्वरी (नगरी) २३, ३४३, ४६६ माहेसरी (माहिष्मती) ४६६ माहेस्सर ४८१ मिट्टी के बर्तन १४७
मिथिला (जनकपुर) ४, ११, १२, १७, १९,८७,९३, ९३ नोट, १०६, १११, १७१, १७१ नोट, १७२, १७६, १८४, २५५, २६२, २८३, ३२७, २६२, ४१९, ४६५, ४७४, ४९४, ४९५ नोट, ४९६
मिथ्यादृष्टि (चार) ४२१ मियगाम (नगर) २४१ मिद्धय ( तापस ) ४१३ मिश्र जातियाँ २२३, २२३ नोट मिश्र प्राकृत ३६
मुंज पाउयार (मुंज की पादुका बनाने वाले) २२२
मुकदमे ६५ - ६९, ६५ नोट
मुकुटबद्ध राजा ४३, ४५, ५१३, ५१४,
५१५
मुकुन्द १४९, ३२९, ४३५

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