Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan

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Page 630
________________ ६०९ शब्दानुक्रमणिका.. व्रज (पशुओं का समूह ) १३१ शब्बल (लोहे का भाला) १०७ . व्रग (दो प्रकार )३१५ शयनगृह (धारिणी का) ३३३ व्रगचिकित्सा ३१५-१६ शय्यंभव १८, २०, २७ नोट, २२८, व्रत-नियम पालन की दुश्वरता ३९० ३८५, ४६४ शय्या ३३४, ३८० शंकराचार्य ४७४ | शय्यातर (गृहस्वामी)३६६ शंख (गजा) ८७, २६२ शरपात (धनुष)३६० शंख (श्रावक )२५ शर्विलक (शिष्य)७१ शंखकार २२२ शल्यक्रिया ३०७ शंखपुर ४७, ८०, ८१, २४८, २९१ शल्यचिकित्सा ३१६-१७ शंब २६४ शव को जंगल में छोड़ना ३७० शंबर ७१ शव की स्थापना ३५६, ३५७ शकटमुख ४९४ शश ७०, ७० नोट शकटव्यूह १०५, १०५ नोट शस्त्र (आयुर्वेदसंबंधी)३०९ नोट शकटार (शकटाल)२२, ८५,८६ शस्त्रक्रिया द्वारा उपचार ३१५ शकटाल २७१, ५२१ | शांडिल्य (संडिब्भ सांडिल्य) ४७६ शकुन ३५३-५४, ४०३ शांडिल्य (ऋषि) ४७६ शकुनविद्या २९७.२९७ नोट शांतिनाथ ३७२ शकुनी (चौदह विद्यास्थान )२२७ नोट | शांतिसूरि ३७ शकुनीपारग (ब्राह्मण)२२७ नोट | शाकिनी ४४५ शकुराबाद ४७० शाक्य ३ नोट, १६, ३६५, ३६६, शक्करों के प्रकार-मत्स्यंडिका, पुष्पोत्तर, | ४१९, ४२३ पद्मोत्तर १२५, १२५ नोट, १७८ शाक्यों में भगिनी-विवाह २६६ नोट शक्ति (त्रिशूल) १०७ शाक्यपुत्र ४१२ शतक (श्रावक)२५ शाक्यपुत्रीय ४०८ शतघ्नी १०६, १०७, १०७ नोट, ३३८, शाक्यश्रमण ४१२ ३८९, ४६५ शाटिका (अंगोछे)२११ शतपाक (तेल) १५३, २३४, २३५, शान्तिहोम ६२. ३१६,३३५ शाल (राजा) ४५ शतसहस्र ३१३ -कलम, रक्त, महागंध १२१-२२ शतसहस्रवेधी (विष) ३७५ नोट शालभंजिका ३३२, ३३२ नोट, ३३४ शतानीक २४, ९३, नोट, १०४, २५३, शालाक्य ३०८ ४७६, ५१६, ५२० शालाटवी ७७ शतानीक और दधिवाहन का युद्ध | शालि (चावल) १२१, १२३, १२६ ५१६-५१७ शालिवाहन (सातवाहन) ६१, ६२, शत्रंजय २१ नोट, ४७३, ४७७ ------ - ८६, १०६, ५२४-५२५, . . शत्रुघ्न ४८३ शाल्मलि (सेभल ) १२६ शबरी (शबर देश की दासी.)१६१ शाल्यहत्य ३०८

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