Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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शब्दानुक्रमणिका
५६१ . उप्पलवण्णा २८२ नोट
ओ उमा (गणिका) ४३४
ओचार (अपचारि-कोठार) १२३ उमास्वाति २४
ओडू (उड़ीसा) ४६६ उम्मग्गजला (उन्मग्नजला)९४, ४९७ | | ओणामणी (अवनामनी) ३४५ उम्मन्जक ४१३
ओदरिया (सार्थ) १८० उल्का (लूका )३५७
ओहाडणी ३३२ उल्लणिया (तौलिये) १५२ उल्लुकातीर १९
औपपातिक २७०, ४१३, ४२४, ४३८, उन्लोय (छत) ३३४
४६४, ५०९ उवठ्ठाणसाला (उपस्थानशाला)
औरभ्रीय (उरभ्र मेंढा ) १३४ उवरिपुंछगी ३३२ उष्ट्रपाल १३४ उष्ट्रिका (मिट्टी का बर्तन) ४२० ऋग्वेद २७२, ४३३ नोट उसु (इषु) ३१८
ऋजुवालिका ११, १२१, ४९६ उसुकाल (ओखली) ३३२ नोट ऋणदास को दीक्षा का निषेध १५८ उस्सीसामूल (सिरहाना)३८८ ऋषभकूट ९४, ४९७ उस्सूलग (खाई) ३८९
ऋषभदत्त १० नोट ऋषभदत्त (जम्बू के पिता)३८५
ऋषभदेव (नाथ) ३, ४, ४ नोट, ऊंट १३५
(प्रथम राजा) ४१, ४२,९४, २२३, ऊंटसवार १०४, ५१६
२६६, ३०२, ३०७, ३३६, ३४८, ३६९, ऊन (ऊर्गा) १२६, १३४
४२५, ४७८, ४९३, ४९४, ४९६, ४९७ ऊर्जयन्त (गिरनार ) ४७१, ४७२, ४७५
ऋषभदेव (जन्ममहिमा)२४२ नोट ऊर्णा (गडुर) १२६ नोट
ऋषभपंचमी ४ नोट ऊसिय ३३१
ऋषितडाग ३६५, ४४४, ४६७ ऋषिपंचमी ४ नोट
ऋषि-परिषद् ८४ एकदण्डी १७, ४०८
ऋषिपाल (वानमंतर) ४४४, ४६७ एडकाक्षपुर (एरकच्छ) ४७९ एणेजग ४१९ एरछ (एडकाक्षपुर)
कंकाली टीला ४८३ एलाषाढ़ ७०, ७० नोट
कंचणिया (रुद्राक्ष की माला)४१८ एलुया (देहली) ३३१
कंचना २४८ एलेक्जेण्ड्रा (अलसंड)
कंचुकी ५४, ५५ नोट एषणाशुद्धि ४०४
कंटक (चोर)८१ +कंड (देशखण्ड)३७२
कंथक (घोड़े) १०१ ऐरावण ( इन्द्र का हाथी) ९६ .. -चार प्रकार १०१ नोट ऐरावती (अचिरावती राप्ती) ३९६ नोट | कंदप्पिय ४२५

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