Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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५७४ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज चैत्यवंदनभाष्य ३६
| छट्ठमछट्ठ (तप) ४१४ नोट, ४१९, चैत्यवृक्ष (आठ) ४४४, ४४५ ... - चैत्य-स्तूप ३७०
छण (क्षण-उत्सव) ३५९ चोक्खा (परिव्राजिका) २८३, ४१९ छत्तकार (छतरी बनाने वाले) २२२ चोक्ष (शुद्ध देह ) ४१६
छत्र ३३८, ३३८ नोट चोय १२५
छत्रग्राही ६३ चोयग १२९
छत्रवती (परिषद् )६० चोर (बौद्ध जातकों में ) ७२ नोट छन्नालिया (तिपाई ) ४१८ चोर ( अंगुत्तरनिकाय में) ७५ नोट
छरुप्पवाय (खड्गविद्या) २९८ चोरकर्म (चौरकर्म) ७०-१, ७६ ।। छविच्छेद ४२ चोर-डाकुओं का उपद्रव ३९७-९८ । | छब्विय (चटाई बुनने वाले) २२२ चोरपल्ली ७४, ७६, ७७, ११६, २०३ छह दिशाचर १३ चोरमंत्र ७६
छह पर्वत ४५६ चोरमाया ७६
छागलिय १३१, १३८ चोरविद्या ७६
छिपाय (छिपी) १४० चोरशास्त्र ७०
छिन्नपादांगुष्ठ २६३ चोरसेनापति को दण्ड ७६ छेदसूत्र (छेयसुत्त) २७, २७ नोट २९९, चोरसेनापति पर विजय ७८
३७१, ४०९, ४१० चोरी का साज-सामान ७३, ७४,७४ नोट छेदसूत्र के अभिप्राय से मद्य-मांस की चोरी का पता लगाने के उपाय ८८ व्याख्या २०३ चोरों की निर्दयता ७८
छेदोपस्थापना ८ नोट चोरों के आख्यान ७९-८१
छेयसुत्त (छेदसूत्र छह ) २७, २७ नोट, चोरों के गांव ७४-७९ चोरों के प्रकार ७१-७३
छेवहओ (छूत की बीमारी) ३७३ चोरों को दण्ड ८१-२
छोटे-मोटे रोगों का इलाज ३१७-१८ चोलपट्टक (चोलपट्ट) २१३, ३७२, ३९२ नोट
जंघाकर (चरागाह पर लिया जाने चोलोपण (चूलोपनयन ) २१६, २४३
वाला कर)१११ चोल्ल (बोरी) १७७
जंघाचारण (मुनि)३४३ चौदह विद्या २२७, २९४
जंताघर ( स्नानगृह)३३५ नोट चौबे २६८
जंभियग्राम ११, ४९६ चौरकर्म (चोरकर्म) ७०-७१
जक्खगुहा ( यक्षगुहा) ४४३ चौरासी लाख महाकल्प ४२१ नोट
जगइ (मिथिला) ४७४ चौलुक्यपुत्री २७२
जड्डशाला ( हस्तिशाला) १००
जणवयविहार ३७९ छकड़े-गाड़ी १७२, १७३, १८० जणवाय ( एक जूआ ) २९६ छकड़ों में भरने योग्य सामान १७६ जण्णई ( यज्ञकर्ता) ४१३ छक्कट्ठग (चौकठा) ३३३ जण्णवक्क (याज्ञवल्क्य ) ४२८

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