Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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निशीथभाप्य ७० नोट, ६ ४४ निशीथसूत्र ३४, ४२५, ४३० निष्क्रमणमहोत्सव ३५९ निष्क्रमणसत्कार ३८६-८८ निसढ़ (बलदेव) २६४, ५०२, ५०५ निहाणपउत्ति ( धन को जमीन में
पंचपुंड (घोड़ा) १०२ पंचभर्तारी (द्रौपदी) पंचमंगलश्रुतस्कंधनिर्युक्ति ३६ पंचधारा । घोड़े की चाल ) १०३ पंचमहाव्रत ७, ८, ४८५ पंचमा जाति (वेश्या) २७२ नोट पंचमुष्टि (केशलोच) ३८८
गाड़कर रखना) १९० निह्न १५, (सात) १८ - १९, (आठवां ) पंचशैल ( द्वीप ) ११२, १४२
२१
नीच और अस्पृश्य २३२-३
पंचस्कन्ध ४१२ पंचांगी साहित्य ३५ पंचाग्नि तप ४१३ नोट
नीतिशास्त्र ( माठर का ) ६४
नीरक्रिया (जैन श्रमणों की ) पंचानन ४३२ नोट
पंचेन्द्रिय रत्न ६२ नोट पंजर (पिंजरा ) ३३८ पंडक (नपुंसक ) ३८४
पंडर भिक्खु ( गोशाल के शिष्य ) ३८१, ४१७ नोट पंडुरंग ४१७
पंथक (दासचे ) १६०
शब्दानुक्रमणिका
३७१-७४
रणक्रिया (बच्चों की ) ३७४ नृतु (नर्तकी) २७२ नृत्य ( सरसों की राशि पर ) ३१० गम (नैगम )
नेमि (अरिष्टनेमि = नेमिनाथ ) नेमिचन्द्र ३७, २३८ नोट नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती २४ नेमिनाथ ५, १० नोट, ५३, ९९, ४७०,
५०३-४
नेलक (सिक्का) १८९, ४८७
नैगम (नेगम = व्यापारी ) ११३, १७४ नैगमेष ४४० नोट नैगमेषापहृत ( का अर्थ ) २३७ नोट नेपाल (नेपाल) २९, ९९, १७६, ४७५,
४८६, ५१२
नैमित्तिक २३७, २९३
नैयत्तिक १२४ नौकर-चाकर १६३
न्यायकर्ता ६४ नोट
न्याय व्यवस्था ६४-६९
न्याय-व्यवस्था ( वैशाली की ) ६४ नोट न्यायाधीश ६४-५
प
पंचकल्पचूर्णी ३३९ पंचकुल १११, १७७
३८ जै० भा०
५८५
पइट्ठाण (प्रतिष्ठान=नींव ) ३३१, ३३३ पन्ना ( प्रकीर्णक दस ) २७ पउमचरिय ९२ नोट
1.
पओदलट्ठी ( प्रतोत्रयष्टि छड़ी ) १८१ पओअधर (प्रतोत्रधर = बहलवान) १८१ पकुधकच्यायन १२, ४२२ नोट पक्कणी ( पक्कण देश की दासी ) १६१ पक्षियों का शिकार १३८, १३९ पक्खियसुत्त २७ नोट पक्षी १३८
पग्गह | पगहा = लगाम ) १८१ जोसण ( पर्युषण ) ३६३, ५२५ पटल ३९१, ३९२ नोट पटशाटक ( हंस चिह्नयुक्त ) ३८८ पटह १०८, ३५४
पट्ट (रेशमी वस्त्र ) २०७, २०७ नोट पट्टयुगल २११
पट्टकार ( रेशम का काम करने वाले )
१४०
पट्टहस्ति ९९

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