Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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५९४ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज भांडकार (कंसेरे )२२२ | भूत (तीन प्रकार ) ४४७ भांडागार १४४
भूतग्रह ४४१ भांडीर (न्यग्रोध वृक्ष ) ४४३ नोट भूतचिकित्सा ३१७ भाई-बहन का विवाह २६६, २६६ नोट | भूततड़ाग ४४८ भागलपुर ४६४,४६५
भूतदत्त ( आचार्य) २४ भागवत ३६६, ४२७
भूत-प्रेत ४४८ भागवी ४८२
भूतबलि (कषाय प्राभृत के कर्ता) २६ भादसुदी पंचमी (पर्युषण दिवस) ३६३ | नोट, ४७३ भारत (महाभारत )२९४, २९४ नोट, | भूतबलि ४४७ नोट २९५
भूतमह ४४७-४९ भारतवर्ष ४९७
भूतवाद (दृष्टिवाद)२६ नोट भारद्वाज ४१९
भूतवादी २३०, ४४७, ४४८ भारद्वाज ( अजिनसिद्ध ) ४२८ भूतविद्या ३०८, ४४७ भारवह (सार्थ) १८०
भूतानन्द (हाथी)९९ भावावश्यक २९४ नोट
भूतिकर्म ३५० भाष्य (दस)३६
भूमि ११९-१५५ भाष्यसाहित्य ३६
भूमिगृह ३३५ भास्कर ३०५ नोट
भूमिपरीक्षा ३३० भास्करानन्दि ७१
भंगार (झारी) १४४, ३८८ भिडिपाल १०७
भृगुकच्छ (भड़ौंच) २३, ६१, १०६, भिउच्च (भृगु के शिष्य) ४१७ १७१, १७४, २८३, ३६५, ४४४, भिक्षुणी संघ ६ नोट
४४८, ४८९, ५२४ भिच्छुड (साधु)१७३, ४१७ भृत्य (चार प्रकार के) १६२ भित्ति १२२
भेड़ का मांस १३४ भित्ति ३३२
भेड़-बकरी १३४
भेरण्ड १७७ भिल्लमाल (श्रीमाल) १८८, ४७७
| भेरा (भद्रवती) ४८२ भिसिय (भिसिका=आसन) २५६, भेरी (चार)-कौमुदिकी, संग्रामिकी, ३३७, ४१८
दुभूतिका, अशिधोपशमिनी १०८, भीमासुरुक्ख २९४, २९४ नोट
१०९,२९० भीष्मक (राजा)९२ नोट, ५०५, ५०६ भुजंगम (चोर)८०
भेलुपुर ४६८ भुजपत्त (भोजपत्र) १५०, ३०० भैंसे की बलि ९,४४० भुजो भुजो कोउयकारक ४२५ भैंसें (मरखनी)४६७ भुवनेश्वर ४६६
भोडय (भोगिक) ४४८ भूइकम्मिय ४२५
भोग (क्षत्रिय राजा) २५, २२२, ३८०, भूगोल (पौराणिक) ४५६-५७
४९३, ५०१ नोट भूगोल (वैज्ञानिक) ४५७ भोगकुल ५०१ भूत १८४, ४४०
भोगपुत्र ३८०
भित्तिगुलिया ३३२
१०९,२९

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