Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan

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Page 609
________________ ५८८ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज पात्रकेसरिका ३९१ पिछी ३७२ नोट पादलिप्त (आचार्य) २४, ३३०, ३४०, | पिंड (विविध ) ३४१ नोट ४८८ पिंडणिगर ३६४ पादलेखनिका ३९२ पिंडनियुक्ति ३२७ पादलेपयोग ३४४ पिंडी (खली) ३९९ पादातानीकाधिपति (सेनापति ) ४३० पिंडोलग ४२४ नोट, ४२७, ४२७ नोट नोट पिउदत्त (गृहपति) २३७ पादोपलेप ३४३ पिक्खुर (म्लेच्छ)९४, ४९७ पान का मसाला १२६ पिडग(य) ( टोकरी) १५२, ३३८ पापश्रुत (नौ)२९५, ३०८,३४५ नोट पिण्याक (पिन्नी)३९५ पापा (मल्लों की पावा) ४८४ पिता (ईश्वरतुल्य ) २३५ पामा ३०९ नोट, ३१३, ३३५ पितृपिंड ३७४ पायंक (मुद्रा) १८८ पितृपिंडनिवेदना ३६४ नोट पायरास (सुबह का नाश्ता) १८५ पिशाच ४४९ पारणा ४२३ पिहिताश्रव ८ नोट पारस (कूल)(पर्शिया) ५३, १११,१७३, पिहुंड १७३, ४६५ १७५, १७७, २६७, ४७२, ४८७, ५२४ पीठ (आसन)३८० पारसनाथ हिल ४, ९, ४७७ पीठमर्द ६२ पारसी (पारस देश की दासी) १६१ पीढ़े (पावीढ़) १४३, १४३ नोट, २५६ पाराशर गृहपति (कृषि-पाराशर) १२१ पीलु (खीर ) १९४ नोट पारिवारिक जीवन २३४-३५ पुंज ( अनाज का ढेर) १२२ पार्श्वनाथ ५-९, १० नोट, २० नोट, पंडरीक ( शत्रंजय ) ४७३ २१२, ४३७, ४५१, ४६८, ४८५, ४९५ | पंडवद्धणिया ४६६ पार्श्वनाथ (जन्ममहोत्सव) २४२ नोट | पुग्गल (मांस)२०३ पार्श्वस्थ २४ नोट पुटभेदनक १८६ पार्थापत्य (पासावञ्चिज) पुण्डरीक (राजकुमार) ४४ पालंगमाहुरय (मीठा शर्बत) १९५ पुण्डू ( उत्तरी बंगाल) ४६५ पालक (दूत) ४०७ पुण्ड्रक २०७ नोट पालि ३०४, ४७२, ४७६ पुण्ड्रदेश १२५ नोट, १७७, ४६६ पालित (व्यापारी) १७३ पुण्डूवर्धन (पुण्डू देश) पालित्रिपिटक ३५, ४५१ पुण्डूवर्धन (गंधर्व देश में )२६१ पावा (अपापा ; पावापुरी; मनिझमाः | पुण्णमासिणी ( का उत्सव)३६१ मध्यमपावा) १२, १२ नोट, १७, पुतला बनाना ३४१, ३४१ नोट ११३, २२८, ४५७, ४६३, ४८४ पुत्तलिका (शालभंजिका)३३४, ३३५ पावीढ़ (पीढ़ा) १४३, २५६, ३३७ पुत्तलिकावेधन २६०, ३१९ पाशों के प्रकार १३८ पुत्रजन्म २४२-४४ पासय (पासा)२९६ . | पुत्रोत्पत्ति का उत्सव ९१, ३६२-६३ पासावचिज (पार्थापत्य) ७, ८, १४ नोट | पुत्रोत्पत्ति (आवश्यक) २६८

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