Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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५७२
जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज
घोड़ों की चालें १०३
घोड़ों की शल्यचिकित्सा ३१६-१७ घोड़ों के आठ दोष १०१ नोट
घोड़ों के शिक्षक १०२
घोड़ों को दागना १०२ घोड़ों की शिक्षा १०२
च
चंक्रमण (संस्कार) २४३ प्रद्योत (प्रद्योत ) ५१९
चंद्र ४८१
चंडिका ४२३, ४४९
चंडीदेव ४२७ चंद ( ढक्कन ) ३०० चंदनबाला (आर्यंचंदना = वसुमती = महावीर की प्रथम शिष्या ) २५,
१५९, २५२, ४६४, ४७६, ५१६
चंदसालिया (अट्टालिका ) ३३४ चंदालक (पात्र ) ४०५ चंद्रच्छाय २५५
चंपा (चम्पा ) ४, ११, १२, २४, ४३, ५१, ९४, १०४, १११, ११२, १२१, १५९, १७१, १७२, १७३, १७४, १८४, १८६, २२७, २३०, २३६, २५२, २५४, २५५, २५८, २६७, २७४, २७९, ३५५, ३६०, ३६८, ३८०, ३८५, ४३९, ४४६, ४६४, ४६५, ४९१, ४९६, ५११, ५१३,
५१४
चक्र १०६, १०७, ३३८
चक्रचर ३५४, ४२७
चक्रधर ४२७
चक्ररत्न ९४, ४९६
चक्रवर्ती (बारह ) ४९६-१९
चक्रवर्ती राजा ९४ चक्रिकाशाला १८६
चटगांव ४६६
चट्ट १५६, ४४८ चट्टशाला १८६
चतुरंगिणी सेना - रथ, अश्व, हस्ती, पदाति ९५-१०४ चतुर्दश पूर्व १८, ३३९ चतुर्विध संघ २५, ३८९ चतुर्वेदी ब्राह्मणों की कथा २९०
चतुष्क ४६५
चतुष्पद (दस) १३१ नोट
चत्वर ४६५ चन्द्रकान्ता (नगरी) ११२
चन्द्रगुप्त २१, २२, २४, २९, ८६, १२७, ३४१, ४५८, ४८१, ४८८, ५२१-२२ चन्द्रगुफा ४७३
चन्द्रच्छाय २६२
चन्द्रप्रज्ञप्ति ( चन्दपण्णत्ति ) २७, ३०५ चन्द्रप्रभ (शिविका ) १८२
चन्द्रयश ९४
चन्द्रसूर्यदर्शन २४३ चन्द्र-सूर्य प्रज्ञप्ति २७ नोट चन्द्रोदय (उद्यान) १२८ चपेटी (विद्या) ३४६
चमर ३३८
चरक ( काणाद ) ३५४
चरक (साधु) १७३, ३६५, ४१६, ४१६ नोट
चरागाह १११, १३१ चरिका ३३८, ४६५
चारिका ( साध्वी ) ३६५, ४०८, ४८२ चर्म का उपयोग ( व्याधि में ) १५१, ३१४, ३५४ नोट चर्मकार १५१
चर्मखंडिक १७३, ४१७ चर्मरत्न १८३, ४९६
चष्ट १०७
चवेड़ा ( चपत ) २०७
चांडाल ६ नोट, २२३, नोट, २३२ चांडालों द्वारा शववहन ३७३, ३७३ नोट चांडालों के मुहल्ले में रहना ( दण्ड ) ८८ चाउम्मासियमजणय ३६२ चाणक्ककोडिल्ल (कोडिल्लय = कौटिल्य ) २९५ नोट

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