Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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शब्दानुक्रमणिका .
५७५ जण्हुकुमार ४३६, ४९८
| जांगल (कुरुजांगल) ४७१ जतुगृह (लाक्षागृह) ३३५
जांगुल ३०८ जनक ४७३
जांबवती (कृष्ण की रानी) ५०३ जनपद (सोलह ) १४, ४५, ४६०, ४६० | जागरिका (रात्रिजागरण ) २४२ नोट, ४६५
जातक (बौद्ध) २७२ ४६६, ४६७ जनपदपरीक्षा ३९४
जातकर्म २४२ जमदग्नि ४९९
जाति (मातृपक्ष की प्रधानता) २२१ जमाली १०, १८, २६५, ३५६, ३८८ नोट नोट ४९५
जाति-आर्य २२६ जम्बू (जम्बूस्वामी) १८, १९, ३८५, जाति आशीविष (चार)३१४ नोट ४८३
जाति-जुंगित (जाति से हीन) १५६, जम्बूद्वीप (एशिया) ९४, २९९, ४५६, २२६, २३२ ४९६
जादू-टोना और अंधविश्वास ३३९-३४० जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति ( जंबुद्दीवपण्णत्ति) २७,
जादू-टोना और झाड़-फूंक ३५०-५१ ४९, १६४, ३०७, ३२६,
जानवरों का चमड़ा १५१ जम्बूस्वामीचरित ४८३
जाल (गवाक्ष )३३४ जयघोष (मुनि) २२७
जावा ४६० जयन्ती (महारानी) २५, २५३, ५१६ । जाहग ( सेही) २९० जराकुमार ३१९, ५०१, ५०२, ५०४, जिज्झगार २२२ ... ५०५
जितशत्रु ५७, ६०, ६२, २२७, २५४,२५९, जरासंध २५८, २७८, ४६१, ४७२, ५०१, २६२, २६४, ४९१ ५०२, ५०३, ५०५
जितशत्रु (कौशाम्बी का राजा) २९१ जलचर जीवों का मांस २०१
जितशत्रु (पांचाल का राजा) २८३ जलधिकल्लोल (घोड़ा) १०३
जितशत्रु ( वाराणसी का राजा)२८० जलपट्टण १७१
जितशत्रु (जराकुमार का प्रपौत्र) ५०२ जलमार्ग १७८
जिनकल्प ९, २० नोट, २१ जलमार्ग से व्यापार १७१
जिनकल्प और स्थविरकल्प ३९१-९३ जलवासी ४१५
जिनकल्पियों के उपकरण (बारह) जलुगा (जोंक ) २८९
३९१ जलोदर ३१०, ३१५
जिनदत्त (अरहमित्र श्रावक का पुत्र) जल्ल ३६९, ४३८
२०२ जल्लौषधि ३४३
जिनदत्त २५२, २५४ जवणिया ( यवनिका) २७१ जिनदासगणि महत्तर ३७ जहाज़ (प्रवहण-वहणट्ठाण) १८३, १८५, | | जिनपालित १७२, ४३९ २८३
| जिनप्रभसूरि ४६२, ४६३, ४६८, ४६९, जहाज़ डूबना १८४
४७१, ४७४, ४७८, ४४४, ४८५, ४८८ जहाज़ का फटना १७२, १८४. .. ... जिनरक्षित १७२, ४३९ जहाज़ के संचालक १८४, १८५ जिनसदन ४४६

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