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________________ ५५४ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज अचेल ४, ८, ११, २०, २० नोट, २५, २१३ अध्यापक और विद्यार्थी २८६-८८ अध्यापक का सम्मान २९३ अच्छा (जनपद) ४७८ अजातशत्रु ( कूणिक) अजपाल ( गड़रिया ) १३१ अजितके कंबली १२ अजितनाथ ३७२ अजिन सिद्धऋषि ४२८ अझधारिणी (बच्चों को ले जाने वाली) २५७ अज्ञानवादी ४२१, ४२२, ४२२ नोट अट्टण (मल्ल) ३६७ अट्टणशाला ( व्यायामशाला ) ३३५ अट्टालिका ( अटारी ) १०६, ३३८, ३८९, ४६५ अट्ठकथा ३५ अट्ठाय (अर्थशास्त्र ) २९५ नोट ageगाम ( अस्थिकग्राम ) १२, ३३७, अठारह श्रेणियां ४९, १६४-१६६ अडोलिया (गर्दभ की बहन ) २६६ अडोलिया (गिल्ली ) १५९, ३६० अड्डिय३६७ अढाई द्वीप ४५७ अण्डों का व्यापार १३९ अतिथि ४२४ अतिमुक्तक ३८५ ४४१ अठारह लड़ी का हार ९४, ९८, १४३ अनुमहत्तर ३६४ नोट, ५११ अतिमुक्तककुमार ५०२ अतिशय ( तीन ) ३४३ अत्ता ( मुसाफिर ) ३९८ अत्तक्कोसिय ४२५ अत्थरग ( कोमल अस्तर ) ३३३ अदीनशत्रु २६२ अध्वप्रकरण ३९३-९५ अध्वानस्तेन ७२ अनंग सेना (गणिका) २७८ अनंतवीर्य ४९९ अनध्याय २९२ अनवद्या ( प्रियदर्शना ) १० अनाज को सुरक्षित रखने के उपाय अय ४२८ अद्धमास १८८, १८८ नोट अधमपुरुष (छह ) २४९ नोट अध्ययन-अध्यापन २२७ १२२-३ अनाथपिंडक १६६ नोट, ४८५ अनार्य जाति ६, ९, २२१ अनार्य देश ११ अनार्य वेद २९४ नोट अनुत्तरोपपातिकदशा ५०८ अनुत्तरोपपातिक के तृतीय वर्ग में गड़बड़ी ३३ नोट अनुद्वात ( पथरीली भूमि ) १२० अनुयान ( रथयात्रा ) ३६३ अनुयोगद्वार ३०, २०९, २९४, ४१२ अनुरंगा ( घंसिका=गाड़ी ) १८० अनुसूचक (गुप्तचर ) ६१ अनेकांतवाद २५ अन्तःकृद्दशा ४६४ अन्तःकुशांग के प्रथम वर्ग में गड़बड़ी ३३ नोट अन्तःपुर ( तीन ) ५२, ५७ अन्तःपुर के रक्षक ५४-६ अन्तरंजिया १९ अन्तरस्तेन ७२ अन्तरापण (दुकान) १७३, १८७ अन्तरीय (वस्त्र) २१२ अन्तर्देशीय व्यापार १७० -५ अन्तर्धान ३४४, ३४६ अन्त्येष्टिक्रिया ३६९-७१, ३७४ अन्धकवृष्णि ( अंधकवृष्णि ) ३३, ५००, ५०१
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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