Book Title: Jain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Author(s): Jagdishchadnra Jain
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan
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५५० जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज ग्लासनैप : जैनिज्म (गुजराती अनुवाद ); अहमदाबाद । घुर्ये जी० एस० : कास्ट एण्ड रेस इन इंडिया, लंदन, १६३२ चक्लदार एच० सी० : सोशल लाइफ़ इन ऐंशियेंट इंडिया-स्टडीज़
इन वात्स्यायन कामसूत्र, कलकत्ता, १६२६ जैन जगदीशचन्द्र : लाइफ इन ऐंशियेंट ऐज डिपिक्टेड इन जैन कैनन्स,
बम्बई, १९४७ : प्राकृत साहित्य का इतिहास, बनारस, १६६१ : दो हजार बरस पुरानी कहानियाँ, काशी, १६४६ :प्राचीन भारत की कहानियाँ, बम्बई, १९४६ : भारत के प्राचीन जैन तीर्थ, बनारस, १६५२
: रमणी के रूप, जबलपुर, १९६१ डे नन्दलाल : द ज्योग्रफिकल डिक्शनरी ऑव ऐंशियेंट एण्ड मैडीवल __इंडिया, लंदन, १९२७ दाते जी० टी० : द आर्ट ऑव वार इन ऐंशियेंट इंडिया, लंदन, १६२६ दास एस० के० : द इकोनौमिक हिस्ट्री ऑव ऐंशियेंट इंडिया,
कलकत्ता, १६३७ दीक्षीतार बी० आर० रामचन्द्र : हिन्दू एडमिनिस्ट्रेटिव इंस्टिट्यूशन्स,
मद्रास, १९२६ देव एस० बी० : जैन मौनेस्टिक जुरिस्पूडेंस, बनारस, १६६० नार्मन ब्राउन डब्ल्यू० : द स्टोरी ऑव कालक, वाशिंगटन, १६३३ पाजिटर एफ० ई० : ऐंशियेंट हिस्टोरिकल ट्रैडीशन, लन्दन, १६२२ पिशल : प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, अनुवादक, हेमचन्द्र जोशी,
पटना, १६५८ पुण्यविजय मुनि : जैन चित्रकल्पद्रुम, अहमदाबाद, विक्रम संवत् १६६२
: बृहत्कल्पसूत्र छठे भाग की प्रस्तावना, भावनगर, १६४२ पुसालकर ए० डी० : भास-ए स्टडी, लाहौर, १६४० फिक रिचार्ड : द सोशल आर्गनाइजेशन इन नार्थ-इस्ट इंडिया इन
. बुद्धान टाइम, कलकत्ता १६२० । फोगल जे० : इंडियन सर्पेण्ट लोर, लंदन, १९२६ बनर्जी पी० एम० : पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ऐंशियेंट इंडिया, १६१६ बागची पी० सी० : प्री-आर्यन एण्ड प्री-विड़ियन इन इंडिया, सित्वन
लेवी, कलकत्ता, १९२६ ब्यूलर : द इंडियन सैक्ट ऑव द जैन्स, लंदन, १६०३

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