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<तंत्र और योग
सम्हलतान
सीक्रेट इतना ही है कि जब वह गिरता है, तब शरीर को इस बात | कला उपलब्ध कर ली थी, मैं भी किस भांति उसको उपलब्ध करूं, का कोई पक्का पता ही नहीं चलता कि गिर रहे हैं, सम्हल जाएं। | उसी तरह ? मोझर्ट ने कहा, तुम्हारी उम्र कितनी है? उस आदमी ने
हीं, इसलिए चोट नहीं खाता है। सम्हलेगा, तो चोट खा कहा, मेरी उम्र तो पैंतालीस पार कर गई है। उसने कहा, तुमको सात जाएगा। सम्हलने में ही चोट खा जाता है आदमी।
वर्ष में आना चाहिए था, एक। और दूसरी बात ध्यान रखना, यह मकान से उतरना हो, तो सीढ़ियां ही ठीक हैं। सम्हलता है जो तुमसे न हो सकेगा। उसने कहा, लेकिन क्यों न हो सकेगा? तुमसे आदमी, उसको सीढ़ियां ही ठीक हैं। क्योंकि सीढ़ियों पर सम्हलकर हो सका, मुझसे क्यों न हो सकेगा? मोझर्ट ने कहा, इसलिए कि उतर सकते हैं। सम्हलकर छलांग लगाई तो खतरा है। मैं किसी से कभी पूछने नहीं गया। तुम पूछने आए हो!
छलांग तो वह लगा सकता है, जो गैर-सम्हले लगाता है। जो पूछने वाला तो सीढ़ियां ही चढ़ सकता है। पूछने वाला सडेन गिरता हो मकान से जमीन की तरफ, लेकिन इतना भी न अकड़े कि नहीं हो सकता। पूछने का मतलब ही है कि सीढ़ियां पूछने गया है गिर रहा हूं। शरीर पर जिसके पता ही न चले। जो ऐसा ही गिरे कि सम्हलकर कैसे चढ़ जाएं, उतर जाएं। न पूछने वाला छलांग मकान से, जैसा छत पर खड़ा था, ठीक वैसा ही गिरे, जरा फर्कन लगाता है। पड़े। शराब पी जाए, और वैसा ही रहे, जैसा शराब पीने के पहले ___मोझर्ट ने कहा, मुझमें तुममें फर्क है। मैं किसी से पूछने नहीं था। मैथुन कर जाए, और चित्त वैसा ही रहे, जैसा मैथुन करने के गया। तुम पूछने आए हो। पहले था। क्रोध कर जाए, और क्रोध के बीच वैसा ही रहे, जैसा पूछने वाले को सीढ़ियां बतानी पड़ेंगी। जो लोग छलांग लगा क्रोध करने के पहले था। जरा अंतर न पड़े। तो फिर वह जो सकते हैं, वे बिना गुरु के यात्रा कर सकते हैं। लेकिन जिसको गुरु छोटा-सा संकीर्ण मार्ग है, यात्रा की जा सकती है।
की जरूरत हो, वह छलांग नहीं लगा सकता। 'लेकिन वह कभी जनपथ नहीं बन सकता; वह पब्लिक हाई-वे बिना गुरु के वही आदमी चल सकता है, जो छलांग लगा नहीं है। वह बहुत, अति संकीर्ण है। जनपथ पर, जहां सबको | सकता हो। क्योंकि गुरु की कोई जरूरत नहीं है। हम न कोई मार्ग चलना है, वहां सीढ़ियां हैं।
| पूछ रहे हैं, न हम कोई सीढ़ियां पूछ रहे हैं। सीढ़ियां और मार्ग पूछने कभी आपने खयाल किया है कि सीढ़ियों पर भी आप छलांग का मतलब यह है कि कुशलता से, बिना तकलीफ के, बिना ही लगाते हैं, उतरते नहीं हैं। उतर तो कोई सकता ही नहीं। चाहे पूरे | अड़चन के, सरलता से, बिना किसी झंझट के, बिना किसी उपद्रव मकान की छलांग लगाएं, चाहे सीढ़ी पर। सीढ़ी पर कोई आप उतर में पड़े, बिना किसी खतरे में पड़े, मैं कैसे निकल जाऊं? गुरु ढूंढ़ने सकतें हैं? एक सीढ़ी से दूसरी पर छलांग लगाते हैं। एक आदमी का यही मतलब है। एक मंजिल से दूसरी मंजिल पर लगाता है। बड़ी सीढ़ी है, और कोई इसलिए छलांग लगाने वाले के लिए मार्ग बताने की कोई फर्क नहीं है। लेकिन छोटी सीढ़ी होने की वजह से आपको अड़चन | जरूरत नहीं है। जो छलांग लगाने वाला है, वह लगा जाता है। नहीं आती, आप सम्हलकर उतर आते हैं। इतना ही फर्क पड़ता है। __यही तो झंझट होती है। कृष्णमूर्ति के पास लोग जाते हैं और
मन को वश में करना सीढ़ियों वाला मार्ग है। और मन को | | पूछते हैं, हाउ टु बी अवेयर? और कृष्णमूर्ति कहते हैं, डोंट आस्क निरंकुश छोड़कर छलांग लगा जाना गैर-सीढ़ियों वाला मार्ग है। | मी हाउ। मत पूछो, कैसे!
जापान में बौद्ध धर्म की दो शाखाएं हैं। एक शाखा को कहते हैं, नहीं, कृष्णमूर्ति को पता नहीं है कि जो पूछता नहीं है कैसे, वह सोटो झेन। और एक शाखा का नाम है, रिझाई झेन। एक शाखा है, आएगा काहे के लिए आपके पास! वह जो आया है, वह कैसे जो मानती है कि सडेन एनलाइटेनमेंट, अचानक निर्वाण की | पूछने वाला ही है। असल में कैसे पूछने के लिए ही तो कोई आता उपलब्धि। वह छलांग वाला रास्ता है। दूसरी मानती है, ग्रेजुअल है। नहीं तो आने की कोई जरूरत नहीं। आप जहां हैं, वहीं से एनलाइटेनमेंट; वह क्रमशः, एक-एक क्रम, एक-एक सीढ़ी चलने छलांग लगा जाएं, पूछने की जरूरत क्या है, किस दिशा में वाला मार्ग है।
लगाएं? कैसे लगाएं? जिसने पूछा, किस दिशा में, कैसे, किस मोझर्ट के पास एक आदमी गया। और उस आदमी ने मोझर्ट से | | विधि से, वह आदमी सीढ़ियां उतरेगा। पूछा कि जिस भांति तुमने सात वर्ष की उम्र में संगीत की समस्त मन को वश में करना सीढ़ियों वाला उपाय है। एक-एक कदम
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