Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 01 Fasc 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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सक्खमालिया
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अक्खयणिहि
Ca.(v.) 66. 313 Apa. अक्खमालढालणि गियमियमण कयकमलासण ण आसि, ण कयाइ णत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ, भुर्वि च भवह य भविस्सइ णं कमलासण DhamPar.1.18.10.
य धुवा णियया सासया अक्खया, अव्वया अवट्ठिया णिचा Jivabhi. 3.59%B भक्खमालिया (akkha-maliya<aksa-mālika) f. garland 3.272; 3.760%; सब्वष्णुणं सब्वदरिसीणं सिवं अयलं अरुयं अगंतं अक्खयं of Rudraksa nuts, M. सुब्भन्भधवलभुईपसाहिओ अक्समालिया हरणो अब्वाबाहं अघुणरावत्तिसिद्धिगइनामधेयं Kapp. 16%3; धुवे णिअण सासण अक्खए Lila. 205.
अब्बए अवट्ठिए णिचे (दि ट्ठिवाए) Nandi.118; सिवमयलमख्यमवखयमब्वाबाई अक्खमिय (akkha-miya<aksa-mita) aty. known by the मुहं समणुपत्त ArihP.(Su.) 173; JM. अक्खयमयलमणहरं वाली सिवसासर्य sense-organs, Apa. माइइ भणद रमणु तुह अक्सन अखमियं जंतं किह पत्तो PaumCa.(V.) 9.105%; जह सोक्खमक्खयमुति JhanSa. 61; सयलरक्खमि MahaPu (P.) 24.3.13.
मणावरणमणतमक्खयं कवलं जम्हा SamPa. 2.17; कणयनिही अक्खीणो अक्खमुट्ठि (akkha-mutthi<aksa-mesti) f. handful of रयणणिही अक्खया तह वि KumaCa.(H.) 1.27: अव्ययमखमक्खयमोdice, JM. तओ गुरू तिनि अक्खडीओ बडुतियाओ गंधकप्परसहियाओ राष्पिणिपढमतित्थयरं JuJiCa. 23; पाविहिसि कम्ममुक्को अक्खयसुवखं गओ समप्पेइ ViMAPra, 67.26.
मोक्खं VijKeCa. 3.194; 3.195%; 38. होजं समसुद्ददुवखो सो सोक्वं अक्खय (a-kkhaya<a-ksata) m. unbroken rice grain अक्ख लहदि PavSa. 2.103; जाणाइचउ सहावं अक्खयमविणासिमच्छेयं (used for worship), M. खित्तो से दहियक्सम्बोमीसो अविवाहि मगलिओ NiySa. 177; होऊण जगदि पुज्जो अक्खयसोक्खं लहइ मोक्खं Mila. Lila. 12973 (विदुषक) नक्सत्तअक्खयसण इतके विसाले ताले RamMan. 36% 1188%; लद्धण य सम्मत्तं अक्खयसोक्खं च मोक्खं च DamPa. 34; एए 1.35%BJS. अक्खयवराडओ वा अमुगो एसोत्तिणिययबुद्धीए। संकप्पिऊण वयणं तिणि वि भावा हवंति जीवस्स अश्खयाभेया CariPa.33; सो खवदि एसा विविहा असब्भावा Srai.(V.) 284; JM. दुब्वंकुरदाहि अक्खयवावडह- कम्मपुंज मुतिसुई अक्खये लइदि KattiAnu.488; जब देवो वि य रक्खदि.... स्थाहिं जबEि Samaraka. 75.9: ओ विरइओमणिबोद्रिमतले चंदणगोरो- मियमाणं पि मणस्सं तो मण्या अक्खया होति KattiAnu. 25: M. अक्खेण यणा दोब्बंकुरगोरसिद्धत्यसत्थियक्खयसियकुसुमोवयार ... परम-पवित्रोहि Kuv- अक्खयं कोसं। गंधब्बेण य दिगं दिम्मि गमणं महीवइयो Ll3. 1314;
MaKa.14.9; कमारउत्तमंगे अबखए पविखव Erz. 6.32; 11.9; बरकुरुम- Apa. अक्खयदाणु भणे वि सेयं सहाँ अक्खयतइय गाँउ किउ दिवसहाँ गंधअक्खयफलजलवावेजधूवावेहि। अविहरूमहणणी जिणपुआ अदा होइ PaumCa.(S.)2.17.83 देहि अम्हाण ... अक्खयं अन्तयं तं महंतं पदं KumiPra. 129.27%; जहू सुगजम्मम्मि तए जिणपुरओ अक्खए खिचिऊणं। Bhavika. 69.11; अक्खयतोगीरि रणि सुंडीरि Bhavika. 246.12; तउ संपत्तं देवत्तं VijkeCa. 3.190%; 3.1913; नीमतले दियअक्खयरयणपंचगं ठविउं अक्खयदाणु भणेवि चलिय अगुवञ्चवि पणा विवि लोय लिय JambiSaCa. Vatthusa. 1.27%; Apa. पुष्फ अक्खयाउ बलि दीवा धूववास जलवास 2.12.43; अबखउ अलक्खु बगुणतु आणंद जणणु भवियह महंतु FANsCa. पडीवा PaumCa.(S.)2.17.3%; का वि अबखयध्व भरेवि थालु KarCa. 15.1.9%; जंपद रइमंदिरि मयणासुंदरि परिउ अक्खउं णाह हो SiVaCa. 9.2.6; दहि अक्खय सिरि संजोइवि Bhavika. 47.8; पुजिव पुष्फक्खय- 2.15.13. बलिदीवंगारि Bhavika. 119.2; धीरय दहिदोन्धक्खयपलई Bhavika. अक्ख य (a-kkhaya<a-khyata) adj. (PPP.) told, inform141.3; 157.11; 268.8; 298.11; जिणु अश्वइ जो अक्सयहिं तमु वरवं- ed, Apa. तत्य अबसपिणुस( स्सविणऽस्संखया चउसु कापसु उस्सग्गओ सपसई SIDhaDo. 185%3 सत्थिय चउक्क काय ठविय कुंभ दू र अक्खय अक्खया JivanuSum. 1.8. रयणथंभा PaNaCa. 13.2.73; सियपुण्णकलसु फलपतरि दहिदुधकुसुम- अक्खय (akkha-ya<aksa-ka) m. name of Rivana's scn, अक्खयसमिद्ध JambiSaCa. 7.125%8.लुणेवि सीसु कि अपसब भर्हि usually called अक्ष. Apa. इंददभाणुकण्णघणवाहणभक्खयमयमारिचविही. SudCa.(N.) 8.14.4.
सण PaumCa.(S.)4.11.1; अखउ हणु वहाँ अभिडिउ paumCa.(S.) . अक्खय (a-kkhavaca-ksata) adj. [अक्खयं अहं PaiLaNB. 52.1.1%; जं जाणियउ अक्ख रणरसाहिउ रख सारहिण दणुवहो सम्मुह वाहिउ 776]; unhurt, not violated, AMg. जावंत के साडू रयहरणगुच्छटि- PaumCa.(S.) 52.3.1. गहवरा पंचमहब्बयधरा अक्खयायारचारित्ता ते सब्बे सिरसा मगसा नत्थएण *** (a-kkhaya-kara <a-kşaya-kara) adj. proवंदामि Av. 31; JM. जंतुब्भे विट्ठा अक्खयरुतीरा VasuHi. 205.30; ducing (something) which is inexhaustible, AMg. एतो य बंभचेरं समागमओ भवजयसरीरो तीसे समीवं Erz. 23.15%3B ता बंपिऊग एवं अक्खय- ... सासयमब्वाबाहमपुणब्भवं पसत्थं सोम ... भक्खयकर ... अगेगगुणसंपिणद्धं देहं तु पल्लिनाहस्स। अप्पेमो SurSuCa. 2.33; ता यह जीवंती संपत्ता Panha. 9.1 (comm. अक्षयश्च तत्पर्यायाणामपि कथंचित् अक्षयत्वात्, अक्षतो अक्खयसरीरी SurSuCa.9.1113: ताव य पत्ता नियमियतत्ता अक्खयहत्या वा पूर्णमासीचंद्रवत् तं करोतीति p. 133a) सुंदरिसत्था JinadaAkhya.v. 47.
अक्षयकुमार (akkha-ya-kumāra <aksa-ka-kumāra ...भक्ख य (a-kkhaya<a-ksaya) adj. not diminishing, un. aksata-kumara?) m. prince Aksa (Ravana's son), Apa. decaying, imperishable, perfect, inexhaustible, AMg. (महावीर) घणवाहणु जहिं अक्षयकुमारु सहसगइ विहीसणु दुपिणवार PaumCa.(S.) से पण्णया अक्खयसागरे वा महोटही वा वि अरुपारे Siy. 1.6.83; (दुवाल- 40.15.43 52.1.43; 52.3.1; also अक्ख कुमार 52.10.4. संगे गं गणिपिडगे) धुवे णिदर, सासए अक्सर अभए अवहिर णिचे Samav. अवखयजोणि (a-kkhaya-joni < a-ksata-yoni) f. a 148; (महावीरेणं)... सव्वदरिलिगा तिवम लमत्यपर्णतमक्खयमबाबाहम- vergin, JM. जाया अक्खयजोगी जोअणगंधा अ रिसिपभावणं Dhutt. पुणरावत्तय सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपाविउकामेण Sanmav. 1.2: Viy. 5.13%3 Apa. सा धीवरथीय कय पवित्त कामाउरिणा। तह अक्खयजोणि सउ 1.1.2 (1.7); (लोए) वे सास्ए अखर अब्बए ...णि Viy. गंधिणि पारासरिणा DhamPar. 7.15.19%B7.5.12. 2.33.101 (9.233); पएसटुबाए अपखए वि अॅi Viy. 18. 10.27 अक्व यंजलि (akkhayainjali<aksataiijali) m. handful of 121 (18.220); एगे वि अहं, दुवे वि अई अत्खर यि अ अम्बए वि rice-grains, JM. अक्वयं गालि पुर्फजलि वा खेवाविजा ViMaPra. अई: Nayi. 1.5.76%3 1.1.73; 2.1.19%; Aduttaro. 193%3; Uvav. 16%3 30.14. 20; सासया अक्खया ... णिचा पउमयरवेइया RiyPa. 200%; तस्स य अक्खर्याहि (a-kkhaya-nihi<a-ksaya-nidhi) m. [also अररिमियरत्तत्यणा धुमक्खयमव्वया ... उवगया णवणिहिणो लोग विस्मयजसा अक्खयनिहि] 1 an inexhaustible treasure, AMg. अहं दुब्भं जायं Vambeddi: 3116731.11; 4.22; 5.21% (रवणप्पभा पुढवी) ण कयाइ च राय च भायं च अक्खपणिहिं च.- अणुबड्डेमि Niya. 1.2.123; 1.2.14%B
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