Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 01 Fasc 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

View full book text
Previous | Next

Page 131
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सक्खमालिया 60 अक्खयणिहि Ca.(v.) 66. 313 Apa. अक्खमालढालणि गियमियमण कयकमलासण ण आसि, ण कयाइ णत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ, भुर्वि च भवह य भविस्सइ णं कमलासण DhamPar.1.18.10. य धुवा णियया सासया अक्खया, अव्वया अवट्ठिया णिचा Jivabhi. 3.59%B भक्खमालिया (akkha-maliya<aksa-mālika) f. garland 3.272; 3.760%; सब्वष्णुणं सब्वदरिसीणं सिवं अयलं अरुयं अगंतं अक्खयं of Rudraksa nuts, M. सुब्भन्भधवलभुईपसाहिओ अक्समालिया हरणो अब्वाबाहं अघुणरावत्तिसिद्धिगइनामधेयं Kapp. 16%3; धुवे णिअण सासण अक्खए Lila. 205. अब्बए अवट्ठिए णिचे (दि ट्ठिवाए) Nandi.118; सिवमयलमख्यमवखयमब्वाबाई अक्खमिय (akkha-miya<aksa-mita) aty. known by the मुहं समणुपत्त ArihP.(Su.) 173; JM. अक्खयमयलमणहरं वाली सिवसासर्य sense-organs, Apa. माइइ भणद रमणु तुह अक्सन अखमियं जंतं किह पत्तो PaumCa.(V.) 9.105%; जह सोक्खमक्खयमुति JhanSa. 61; सयलरक्खमि MahaPu (P.) 24.3.13. मणावरणमणतमक्खयं कवलं जम्हा SamPa. 2.17; कणयनिही अक्खीणो अक्खमुट्ठि (akkha-mutthi<aksa-mesti) f. handful of रयणणिही अक्खया तह वि KumaCa.(H.) 1.27: अव्ययमखमक्खयमोdice, JM. तओ गुरू तिनि अक्खडीओ बडुतियाओ गंधकप्परसहियाओ राष्पिणिपढमतित्थयरं JuJiCa. 23; पाविहिसि कम्ममुक्को अक्खयसुवखं गओ समप्पेइ ViMAPra, 67.26. मोक्खं VijKeCa. 3.194; 3.195%; 38. होजं समसुद्ददुवखो सो सोक्वं अक्खय (a-kkhaya<a-ksata) m. unbroken rice grain अक्ख लहदि PavSa. 2.103; जाणाइचउ सहावं अक्खयमविणासिमच्छेयं (used for worship), M. खित्तो से दहियक्सम्बोमीसो अविवाहि मगलिओ NiySa. 177; होऊण जगदि पुज्जो अक्खयसोक्खं लहइ मोक्खं Mila. Lila. 12973 (विदुषक) नक्सत्तअक्खयसण इतके विसाले ताले RamMan. 36% 1188%; लद्धण य सम्मत्तं अक्खयसोक्खं च मोक्खं च DamPa. 34; एए 1.35%BJS. अक्खयवराडओ वा अमुगो एसोत्तिणिययबुद्धीए। संकप्पिऊण वयणं तिणि वि भावा हवंति जीवस्स अश्खयाभेया CariPa.33; सो खवदि एसा विविहा असब्भावा Srai.(V.) 284; JM. दुब्वंकुरदाहि अक्खयवावडह- कम्मपुंज मुतिसुई अक्खये लइदि KattiAnu.488; जब देवो वि य रक्खदि.... स्थाहिं जबEि Samaraka. 75.9: ओ विरइओमणिबोद्रिमतले चंदणगोरो- मियमाणं पि मणस्सं तो मण्या अक्खया होति KattiAnu. 25: M. अक्खेण यणा दोब्बंकुरगोरसिद्धत्यसत्थियक्खयसियकुसुमोवयार ... परम-पवित्रोहि Kuv- अक्खयं कोसं। गंधब्बेण य दिगं दिम्मि गमणं महीवइयो Ll3. 1314; MaKa.14.9; कमारउत्तमंगे अबखए पविखव Erz. 6.32; 11.9; बरकुरुम- Apa. अक्खयदाणु भणे वि सेयं सहाँ अक्खयतइय गाँउ किउ दिवसहाँ गंधअक्खयफलजलवावेजधूवावेहि। अविहरूमहणणी जिणपुआ अदा होइ PaumCa.(S.)2.17.83 देहि अम्हाण ... अक्खयं अन्तयं तं महंतं पदं KumiPra. 129.27%; जहू सुगजम्मम्मि तए जिणपुरओ अक्खए खिचिऊणं। Bhavika. 69.11; अक्खयतोगीरि रणि सुंडीरि Bhavika. 246.12; तउ संपत्तं देवत्तं VijkeCa. 3.190%; 3.1913; नीमतले दियअक्खयरयणपंचगं ठविउं अक्खयदाणु भणेवि चलिय अगुवञ्चवि पणा विवि लोय लिय JambiSaCa. Vatthusa. 1.27%; Apa. पुष्फ अक्खयाउ बलि दीवा धूववास जलवास 2.12.43; अबखउ अलक्खु बगुणतु आणंद जणणु भवियह महंतु FANsCa. पडीवा PaumCa.(S.)2.17.3%; का वि अबखयध्व भरेवि थालु KarCa. 15.1.9%; जंपद रइमंदिरि मयणासुंदरि परिउ अक्खउं णाह हो SiVaCa. 9.2.6; दहि अक्खय सिरि संजोइवि Bhavika. 47.8; पुजिव पुष्फक्खय- 2.15.13. बलिदीवंगारि Bhavika. 119.2; धीरय दहिदोन्धक्खयपलई Bhavika. अक्ख य (a-kkhaya<a-khyata) adj. (PPP.) told, inform141.3; 157.11; 268.8; 298.11; जिणु अश्वइ जो अक्सयहिं तमु वरवं- ed, Apa. तत्य अबसपिणुस( स्सविणऽस्संखया चउसु कापसु उस्सग्गओ सपसई SIDhaDo. 185%3 सत्थिय चउक्क काय ठविय कुंभ दू र अक्खय अक्खया JivanuSum. 1.8. रयणथंभा PaNaCa. 13.2.73; सियपुण्णकलसु फलपतरि दहिदुधकुसुम- अक्खय (akkha-ya<aksa-ka) m. name of Rivana's scn, अक्खयसमिद्ध JambiSaCa. 7.125%8.लुणेवि सीसु कि अपसब भर्हि usually called अक्ष. Apa. इंददभाणुकण्णघणवाहणभक्खयमयमारिचविही. SudCa.(N.) 8.14.4. सण PaumCa.(S.)4.11.1; अखउ हणु वहाँ अभिडिउ paumCa.(S.) . अक्खय (a-kkhavaca-ksata) adj. [अक्खयं अहं PaiLaNB. 52.1.1%; जं जाणियउ अक्ख रणरसाहिउ रख सारहिण दणुवहो सम्मुह वाहिउ 776]; unhurt, not violated, AMg. जावंत के साडू रयहरणगुच्छटि- PaumCa.(S.) 52.3.1. गहवरा पंचमहब्बयधरा अक्खयायारचारित्ता ते सब्बे सिरसा मगसा नत्थएण *** (a-kkhaya-kara <a-kşaya-kara) adj. proवंदामि Av. 31; JM. जंतुब्भे विट्ठा अक्खयरुतीरा VasuHi. 205.30; ducing (something) which is inexhaustible, AMg. एतो य बंभचेरं समागमओ भवजयसरीरो तीसे समीवं Erz. 23.15%3B ता बंपिऊग एवं अक्खय- ... सासयमब्वाबाहमपुणब्भवं पसत्थं सोम ... भक्खयकर ... अगेगगुणसंपिणद्धं देहं तु पल्लिनाहस्स। अप्पेमो SurSuCa. 2.33; ता यह जीवंती संपत्ता Panha. 9.1 (comm. अक्षयश्च तत्पर्यायाणामपि कथंचित् अक्षयत्वात्, अक्षतो अक्खयसरीरी SurSuCa.9.1113: ताव य पत्ता नियमियतत्ता अक्खयहत्या वा पूर्णमासीचंद्रवत् तं करोतीति p. 133a) सुंदरिसत्था JinadaAkhya.v. 47. अक्षयकुमार (akkha-ya-kumāra <aksa-ka-kumāra ...भक्ख य (a-kkhaya<a-ksaya) adj. not diminishing, un. aksata-kumara?) m. prince Aksa (Ravana's son), Apa. decaying, imperishable, perfect, inexhaustible, AMg. (महावीर) घणवाहणु जहिं अक्षयकुमारु सहसगइ विहीसणु दुपिणवार PaumCa.(S.) से पण्णया अक्खयसागरे वा महोटही वा वि अरुपारे Siy. 1.6.83; (दुवाल- 40.15.43 52.1.43; 52.3.1; also अक्ख कुमार 52.10.4. संगे गं गणिपिडगे) धुवे णिदर, सासए अक्सर अभए अवहिर णिचे Samav. अवखयजोणि (a-kkhaya-joni < a-ksata-yoni) f. a 148; (महावीरेणं)... सव्वदरिलिगा तिवम लमत्यपर्णतमक्खयमबाबाहम- vergin, JM. जाया अक्खयजोगी जोअणगंधा अ रिसिपभावणं Dhutt. पुणरावत्तय सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपाविउकामेण Sanmav. 1.2: Viy. 5.13%3 Apa. सा धीवरथीय कय पवित्त कामाउरिणा। तह अक्खयजोणि सउ 1.1.2 (1.7); (लोए) वे सास्ए अखर अब्बए ...णि Viy. गंधिणि पारासरिणा DhamPar. 7.15.19%B7.5.12. 2.33.101 (9.233); पएसटुबाए अपखए वि अॅi Viy. 18. 10.27 अक्व यंजलि (akkhayainjali<aksataiijali) m. handful of 121 (18.220); एगे वि अहं, दुवे वि अई अत्खर यि अ अम्बए वि rice-grains, JM. अक्वयं गालि पुर्फजलि वा खेवाविजा ViMaPra. अई: Nayi. 1.5.76%3 1.1.73; 2.1.19%; Aduttaro. 193%3; Uvav. 16%3 30.14. 20; सासया अक्खया ... णिचा पउमयरवेइया RiyPa. 200%; तस्स य अक्खर्याहि (a-kkhaya-nihi<a-ksaya-nidhi) m. [also अररिमियरत्तत्यणा धुमक्खयमव्वया ... उवगया णवणिहिणो लोग विस्मयजसा अक्खयनिहि] 1 an inexhaustible treasure, AMg. अहं दुब्भं जायं Vambeddi: 3116731.11; 4.22; 5.21% (रवणप्पभा पुढवी) ण कयाइ च राय च भायं च अक्खपणिहिं च.- अणुबड्डेमि Niya. 1.2.123; 1.2.14%B For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176