Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 01 Fasc 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 169
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 98 अनि भकुल चलणकमलोवयाररायकिया भूमी LIla. 390; भुआणं संख, ककिआणं पदावो कजं ण पज्जत्तं LIla. 76; Apa. कुलिसकुडिलंकुरारावलीराइयं धगधगतं Usini. 2.67%; cf. अंकिय. . पुरो चक्कमुद्धाइयं MahaPu.(P.) 77.12.21; 2 a sharp point, अकिक्ष (ankia) DesT. | fig. use of अंकित ?] embrace, अंकिअ the tip, an early growth, the source, JM. पुलयंकुरेहि क. लिओ अवडियाओ य परिरंभे DENIMa. 1.11; (महिलावरंघियाओ बीहंति उउंबरो उंबरेहिं व KumiCa.(H.) 2.77; M. णितग्गिगम्भिणाय व विवेअअंकिया मुणिणो) थोउभिण्णरअणंकुरट्ठाणाई SetuBa. (Basak) 9.61; वच्चंति अहो उर्दू - [अंकिइल (ankiilla) Deif. wrong reading of AR and अईति मूलंकुर व्व पुहवीए Gaudva. 722; (राजा) सुंदरीम बहला PSM. for अंकिल av.1. for नट्टग Uvav. comm. p. 3a.1 नर्तका ये पुलअंकुराली KapMan. 4.21; Apa. अणुमग्गें तहो पविणहरंकुर सोणहए हि नृत्यन्ति, अंकिल्ला इत्ये के। - मुक्क णिय कुक्कुर JasCa. 3. 35.3; पदमंकुरु नावइ बहु पुन्नई Bhavika. अंकिद (ankida<ankita) adj. (Ppp.) marked by, charac- 17.12; 3 scratch, M. णिवाइ मउलि ओणविभणहचुडुप्पंकुर जहणं terised by, M. रआइ रेहारहसंखपंकभअंकिदाइं पुलऊण भूभले KarhsVa. GaudVa. 165... 1.4; 5. (अनसूया) सणामहे अंकि अंगुलीअ#Sak. 40.10(4); (चर) : अंकुरिअ (ankuria<ankurita) adj. [PiiLaNi. 890] 1 मए वि अमच्चरक्खसस्स णामंकिट त्ति अज्जस्स पाअमूलं पाविदा MudriRa. sprouting, JM. पदम चिय पढमजिणस्स नमह ...। अंकुरिअमोक्खपायव19.43; (विदृषक) पडिसुन्नदेउलकोणरच्छाअंकिटपिटुबसणे (चेटि (१ डि)- बीयनिहाणं व पयकम GIRAKo. 33; Apa. जिष्णु वि अंकुरियउ जिह यापुत्ति) RanMan. 1.34(26); cf. अंकिय अंकिअ. ५ सोहइ Vid thaCa. 4.1.16; तारुण्णकंदु अंकुरिउ नाइ JambiSiCa. अकि (ankiya<ankita) adj. (prp.) marked or charac- 4.19.13: 2 growing, developing, M. सवंगरोचच्छण णेहो व्व terised by, AMg. पत्तेयं पत्तेयं नामंकिपसु आसणेसु निसीयह Naya. अंकुरिओ Lila. 403; Apa. हुयउ हरिसपुलयंकुरिउ कप्पटुमपोउ व्व 1.16.153; सिरिवच्छंकियवच्छा (भरहओ अरिष्टनेमिस्स अंतेवासी छ अग-SankuCa. 518.8.. गारा भायरो सहोयरा होत्था) Antag. 29% Bणागफडागरुलवइरपुण्णकलसं- अंकुस (ankusa<ankusa) m. name of a महाग्रह, AMg. कियु(उ)पहेससीहहयवरगयंकमयरकवरमउहबद्धमाणाणिज्जत्तविचित्तचिधगया दो पूसमाणगा दो अंकुसा Thāra. 2.95. (भवणवासी देवा) Uvav. 34 (Ld. 48); नगनगरमगरसागरचकंवाहरंक- अंकुस (ankusa <ankusa) . a region in the sky, लक्खणंकिवचलणा (मणूया) JIvabhi. 3.596%38 3.597; तिरिवच्छंकियवच्छा AMg. जे देवा आवत्तं वियावतं ... अंकुसं अंकुलपलबं ... विमाणं देवत्ताए सव्वे.वि जिणा चउच्चीस Anuog. 492 (ga.119); JM. थेरीए एकको मोर- उबवण्णा । तेसिं णं देवाणं सोलससागरोवमाइ ईि पण्णत्ता Samav. 16.13 पुत्सपाएसु पटुंतीए अंकितो AVTI.CH.) 822b.83; निअनामंकियणिअकित्तणय (16.3); ( एगट्ठीए विमागाणं) अंकुसे झसे य जो DeveNaPra. 140. (जिणमंदिरं ) KumaCa(H.) 2.51%; अह पह जस्स रूसइ तम्स नाम- अंकम (ankusa <ankusa). 1 goad, hook, AMg. अंकुसेण किवं मुदियं छुरियं पट्टवेइ KalKa. 263.6; दिट्ठो बंभदत्तनामंकिओ लेहो जहा नागो धम्मे संपडिवाइओ Utt. 22.46; Dasave. 2.19; नाणंकुण Er2. 11.13 Apa. लक्खणलक्खंकिउ गुणसमद JasCa. 1.5.6%; बहुघण- धीरो धरेइ दित्तं पिव गई Maranvi. 505%3B JM. होलगइ अंसं चेव ... धुसिणपंकि पडियंकिओ सुहलक्खणलक्खणि चञ्चंकि ओ Bhavika. 68.63 बत्तीसदोसपरिसुद्धं किम्मं पउंजई AvNi. 1207 (comm. अंकसं येन णियणामक्खरअंकियसरेहिं VaddhaCa.5.11.11; अवर विदेहिँ कुलगिरि- रजोहरणमङ्कशवत्करद्वयेन गृहीत्वा बन्दते तत् । कृतिकर्मणि षष्ठदोप:p. 543b); अंकिए PaNaCa.(P.) 5.1.3. PavSaro. 150; केहि वि सं विजय अं: सयकवर वक्केहि BhuvKevCa. अंकाड (ankuda<ankuta = ankusa) m. goad, Apa. 384: ताडिभो तिक्खं कुसेण अफारिओ कंभमाए Erz. 10.28; उलजा पसरहि सग्गि णासेप्पिगु अंकुडेण णिहणइ कड्रेपिणु MayaParica. अब कसअच्छवेणहि अवओि KumiCa(H.) 2.38%; JS. धरहि 2.16.1; जइ सम्गि, जिणु णासिवि पइसरइ अंकुडेण मारेमि कडिवि मणमत्तदुरियं गाणंकुसरण गुणिपवर BhavPi. 78; M. पढिरअगंधाइद्धा MayaParaCa.2.71.2. । उद्धं कुस-रुद्ध-मत्थअ ब्व गदा SetuBa. 3.36%3; 5.57; भारक्खवणमुहग्गिअंकुरिअ (ankudia<ankutika) m. [also अंकुडग] a peg, णभूरिभंगट्ठिअंकुसक्खं ।... धुणइ व अर्ण जयगइंदो Gaudva. 437; मच्छं[Both PSM and Sag. transcribe in Pkt. the Skt. word anku- कुसजवचकंककरयलो पीण-पीवर-पओट्ठो Lila. 8413; (देवी) उवजणइ पुलयtika in the comm.s of Jivabhi. नागदंतौ नर्कटिकौ अंकुटिकौ इत्यर्थः सुहिए लग्गो वि नहकुसो तुहच्च(च्छ १)रियं RamMan. 3.17; Apa. देवखु p. 205%; Jambuddi. p. 50a.] .. " अम्हारा कंतु। अश्मत्तहं चत्तंकुसहं गय कुंभई दारंतु Hem.(Gr.) 4.345%3; भंकुर (ankura).m. 1 sprout, the first leaf of a 4.3833; धि(? थि)उ वसुएब-गहंदु विणयंकुसेण णिबद्धउ RitNeCa. 1. 10. 183 plant, shoot, AMg. रुक्खगुच्छगुम्मलयवलित गपब्वगहरितोसहि पवालंकुरमा- कइया वि हत्थि चडि रमइ रंगि अकुसेण भमाडइ विविहभंगि JasCa. 1.5.13%3B दीए य तणवणस्सइकाइए विद्धंसे हिंति Viy. 7.6.31 (9.117); Jam- अगणंति दंति अंकुसपहार PiNaCa.(P.) 12.2.83; संवलिउ सम्मुहु वणbudar. 2.1313; झाणसुभजोगनाणपलबवरंकुरधरो ... संवरवरपायवो Panha. काणणहोणं मुकंकुसु मत्तगउ Bhavika. 58.113; उद्धरेह चक्कुसकुडलराइया 10.23 बीया अंकुरणिकत्ती अंकुरातो पुणो बीयं Isibhas. 2.4; 15.33; SudCa.(N.) 4.14.1; 7.17.12; होसहि धयअंकुसछत्तड KarCa. 15.5.5.7ga.15%; दडेसु बीएसुण पुणो अंकुरुप्पत्ती भवति Isibhas. 20.233; 2.8.2; वज्जंकुस-करु तिय जप तहि आरूढउताव SankuCa. 701.83 सिलप्पवाले इ वा पवालअंकुरे इ वा RayPa. 27; सूमाल पवालसोहियवरंकुरग्ग- 2 the figure of a goad (as an auspicious sign), AMg. तेसिं । सिहरा (पायवा) Jivibhi. 3.2743; 3.387; 3.672; तेउल्लेसा वण्णेण विजयदूसगागं बहुमज्झदे मागे चत्ताविश्रामबा अंकुसा पण्णत्ता। तेसु णं पवालंकुरे वा Pannav. 17. 126 (1229); से जहाणामए बीयाणं वइरामपसु अंकुसु चरान कुंभिता मुत्तादामा पपणता Thina. 4.2.339 अग्गिडाणं पुणरवि अंकुरुप्पत्ती न हब Pannay. 36.2176%3 जधा दडाण (4.307); तिरंट इंडियछतन्नाव्य अंकुस पबित्तयके मरिहत्थगए Naya. बीयाणं न जायंति पुर्णकुरा Dasi. 5.7gd. 15%3; JM. कडगमइचत्त कदणं दम- 1.5.52; अंकुस अट्ठ वय ... पसिनबत्ती जलक्खधरीओ Panha. 4.8; महं कुरनील नीलमणि KumaCa(H.) 2.463 कंदा अंकुरकिसलयपणगा सेवाल- एगं बहरामयं अंकुसं विउति Riya. -30; तस्सि च णं वयरामयंसि ममिफोडा य JIvViy.9; M. मइलिअतलाअमूला कि तविरलंकुरा वसुहा अंकससि कुंभिकं मुत्तादाम बिउति RiyPa. 40%; वइरामएस अंकसेस पत्तेयं Gaudva. 356% पासालग्गसिलं तरपढमकिलतंकुरा दिअहा Gaudva. 5325 पत्तेयं कुंभिका मुत्तादामा पण्णत्ता Jivabhi. 3.3133; ताओ मणईओ ... हरिणो सिरिसिहिगोत्थकोत्थुहकादं कुरायार Lili.53; एकेशं. चिय चूयंकुरेण थाल-अंकुस-अट्ठावय ... बत्तीसलक्ख गधराओ Jivabhi, 3.597%; 3.8929 For Private and Personal Use Only

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