Book Title: Dharm Aakhir Kya Hai
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ धर्म मानवता की मुंडेर पर मोहब्बत का जलता हुआ चिराग है। मंदिर और मस्जिदों को लेकर झगड़े करने की बजाए धरती पर प्रेम के मंदिर, मोहब्बत की मस्जिदें, स्नेह के गुरुद्वारे और प्यार के गिरजे बनाए जाने चाहिए। हमें धार्मिक कट्टरता का त्याग करते हुए धार्मिक सौहार्द का वातावरण निर्मित करना चाहिए। धार्मिक कट्टरता का उन्माद भी विचित्र है। किसी गली से ताजिया नहीं गुजर सकता और किसी गली से गणेशजी की शोभायात्रा। पर ताजुब्ब की बात है कि दोनों ही गलियों से नगरपालिका का कचरे का ट्रेक्टर तो आराम से गुजर ही रहा है ना! ललितप्रभ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 162