Book Title: Dharm Aakhir Kya Hai
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 8
________________ ----- - - - - - अनुक्रम .----- 1. मनुष्य दुःखी क्यों है ? 2. काटें, मिथ्यात्व की कारा 3. सत्य : एक समग्र धर्म 4. धर्म, फिर से समझें एक बार 5. धार्मिक जगे, अधार्मिक सोए 6. कर्म : बंधन और मुक्ति 7. ज्ञानी होने की सार्थकता तप का ध्येय पहचानें 9. समझें, गृहस्थ के दायित्व साधना की सच्ची कसौटी मुक्ति का मूल मार्ग : ध्यान कृष्ण लेश्या का तिलिस्म लेश्याओं के पार धर्म का जगत 14. परमात्म-साक्षात्कार की पहल 10. 11. 99 12. 115 13. 125 138 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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