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८ शतके उद्देशः८ ॥६७२॥
जइ भंते ! अवगयवेदो वा बंधइ अवययवेदा वा, बंधति. ते भंते ! कि इत्थीपच्छाकडो बंधइ
पुरिसपच्छाकडो बं० २ नपुंसकपच्छाकडो बं० ३. इत्यीपच्छाकडा बंधति ४ पुरिसपच्छाकडावि बंधंति व्याख्या
४५ नपुंसगपच्छाकडावि बं. ६ उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधति ४ उदाहु इत्थीपच्छाप्रज्ञप्तिः
कडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ४ उदाहु पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ. ४ उदाहु इस्थिप॥६७९॥
च्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य भाणियब्वं ८, एवं एते छब्बीस भंगा २६ जाव उदाहु इत्थीपच्छाकडा य पुरिसप० नपुंसकप. बंधति ?, गोयमा ! इत्थिपच्छाकडोवि बंधइ १ पुरिसपच्छाकडोवि बं० २ नपुंसगपच्छाकडोवि बं०३ इत्थीपच्छाकडावि बं०४ पुरिसपच्छाकडावि बं०५ नपुंसकपच्छाकडावि ०६ अहवा इत्थीपच्छाकडो पुरिसपच्छाकडो य बंधइ ७ एवं एए चेव छब्बीस भगा भाणियव्वा, जाव अहवा इत्थिपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति ॥
[प्र०] हे भगवन् ! जो वेदरहित जीव या वेदरहित जीवो ऐर्यापथिक कर्मने बांधे तो शुं १ स्त्रीपश्चात्कृत (जेने पूर्व स्त्रीवद होय एवो) जीव बांधे, २ पुरुषपश्चात्कृत (जेने पूर्व पुरुषवेद होय एवो) जीव बांधे, ३ नपुंसकपश्चात्कृत (जेने पूर्वे नपुंसक वेद होय एवो) जीव बांधे, ४ स्त्रीपश्चात्कृत जीवो बांधे, ५ पुरुषपश्चात्कृत जीवो बांधे, के ६ नपुंसकपश्चात्कृत जीवो बांधे ?; ४ अथवा स्त्रीपवात्कृत अने पुरुषपश्चात्कृत जीव बांधे ? स्त्रीपश्चात्कृत अने पुरुषपश्चात्कृत जीवो बांधे ? ४ अथवा स्त्रीपश्चात्कृत अने नपुंसकपश्चात्कृत बांधे?४ अथवा पुरुषपश्चात्कृत अने नपुंसकपश्चात्कृत बांधे? ८ अथवा स्त्रीपश्चात्कृत, पुरुषपश्चात्कृत अने नपुंसकपश्चात्कृत पण कहेवा.
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