Book Title: Bhagvati Sutram Part 03
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

View full book text
Previous | Next

Page 176
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उद्देशक ३ व्याख्या रायगिहे जाव एवं वयासी-कहि णं भंते! दाहिणिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीचे णाम दीवे पन्नत्ते ?,४९ शतके प्रज्ञप्तिः गोयमा! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पब्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरिमं. उद्देशा३ ॥७४६॥ ताओ लवणसमुई उत्तरपुरच्छिमेणं तिन्नि जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं || ॥७४६॥ एगोरुयदीवे नामं दीवे मण्णत्ते, तं गोयमा! तिनि जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं णवएकोणवन्ने जोयणसए दकिंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पन्नत्ते, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता सपरिक्खि त्ते, दोपहवि पमाणं वन्नओ य, एवं एएणं कमेणं जहा जीवाभिगमे जाव सुदंतदीवेजाव देवलोगपरिग्गहिया णं ते |मणुया पण्णत्ता समणाउसो।। एवं अट्ठावीसपि अंतरदीवा मएणं २ आयामविखंभेणं भाणियब्वा, नवरं दीवे |२ उद्देसओ, एवं सब्वेवि अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा । सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति (सूत्रं ३६४) नवमस्स | तईयाइआ तीसंताउद्देसा संमत्ता ॥ ३०॥ | [प्र०] राजगृह नगरमां [ भगवान् गौतमे] यावत् ए प्रमाणे पूछयु-हे भगवन् ! दक्षिण दिशाना एकोरुक मनुष्योनो एको. रुक नामे द्वीप क्या कह्यो छे? [उ०] हे गौतम! जंबूद्वीप नामना द्वीपमा आवेला मंदरपर्वत (मेरुपर्वत) नी दक्षिणे चुल्ल (क्षुद्र)। हिमवंत नामे वर्षधर पर्वतना पूर्वना छेडाथी ईशान कोणमांत्रणसो योजन लवणसमुद्रमां गया पछी ए स्थळे दक्षिण दिशाना एको रुक मनुष्योनो एकोरुक नामे द्वीप कह्यो छे. हे गौतम! ते द्वीपनी लवाइ अने पहोळाय त्रणसो योजन छे, अने तेनो परिक्षेप (परि. KARNAAGICAL For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212