Book Title: Bhagvati Sutram Part 03
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 206
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥७७६॥ ९ शतके उद्देश:५ ॥७७६॥ %ES AAAAAAC* होय. ए प्रमाणे यावत् ३ एक पंकप्रभामां होय अने बे तमःतमाप्रभामां होय. ए रीते १-२ ना त्रण विकल्प थाय. १ अथवा बे पंकप्रभामां होय अने एक धूमप्रभामा होय. ए प्रमाणे यावत् ३ वे पंकप्रभामां होय अने एक तमतमामां होय. ए रीते २-१ ना त्रण विकल्प थाय. १ अथवा एक धूमप्रभामा होय अने बे तमःप्रभामां होय. २ अथवा एक धूमप्रभामां होय अने बे तमतमाप्रभामा होय. एम १-२ ना बे विकल्पो थाय. १ अथवा बे धूमप्रभामां होय अने एक तमःप्रभामां होय. २ अथवा वे धूमप्रभामां होय अने एक तमतमामां होय. एम२-१ ना बे विकल्प थाय. १ अथवा एक तमःप्रभामां होय अने बे तमातमाप्रभामां होय.) यावत् १ अथवा वे तमःप्रभामा होय अने (एक तमतमाप्रभामा होय. एम १-२,२-१ ना बे विकल्प थाय.) अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा १ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा २ जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा ५ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा ६ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा ७ एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुय० एगे अहेसत्तमाए होजा ९, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा१० जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्समाए होजा १२ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाएएगे तमाए होजा १३ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा १४ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा १५ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा १६ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे For Private and Personal Use Only

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