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दव्वं ? पुच्छा, गोयमा! सिय दव्वं १ सिय दव्वदेसे २ अझवि भंगा भाणियब्या जाव सिय दब्वाइं च दब्वदेसा| भ्याख्या द्रय ८। जहा चत्तारि भणिया एवं पंच छ सत्त जाव असंखेज्जा।अणता भंते! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दव्वं०?,151
८ शतके प्रज्ञप्तिः एवं चेव जाव सिय दब्वाइं च दब्वदेसा य ॥ (सूत्रं ३५६ )॥
उद्देशः१० ।।७३४||
[प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायनो एक प्रदेश (परमाणु)'शु द्रव्य छे, २ द्रव्यदेश छ, ३ द्रव्यो छे, ४ द्रव्यदेशो छ, ५ ॥७३४॥ 8| अथवा द्रव्य अने द्रव्यदेश छ, ६ अथवा द्रव्य अने द्रव्यदेशो छे, ७ अथवा द्रव्यो अने द्रव्यदेश छ, ८ के द्रव्यो अने द्रव्यदेशो
छे१ [उ०] हे गौतम ! ते कथंचिद् द्रव्य छ, कथंचिद् द्रव्यदेश छे, पण द्रव्यो नथी, द्रव्यदेशो नथी, द्रव्य अने द्रव्यदेश नथी, यावद् द्रव्यो अने द्रव्यदेशो नथी. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायना बे प्रदेशो शुं द्रव्य छे के द्रव्यदेश छे ? इत्यादि पूर्वोक्त |प्रश्न. [उ०] हे गौतम! कथंचित् द्रव्य छे, २ कथंचित् द्रव्यदेश , ३ कथंचित् द्रव्यो छे, ४ कथंचित् द्रव्यदेशो छ, ५ कथंचित् | द्रव्य अने द्रव्यदेश छ, पण द्रव्य अने द्रव्यदेशो नथी, बाकीना विकल्पोनो प्रतिषेध करवो. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायना त्रण प्रदेशो शुं द्रव्य छे, द्रव्यदेश छे ?-इत्यादि प्रश्न. [उ.] हे गौतम ! १ कथंचित् द्रव्य छे, २ कथंचित् द्रव्यदेश छे, ए प्रमाणे है सात भांगाओ कहेवा, यावत कथंचित् द्रव्यो अने द्रव्यदेश छे, पण द्रव्यो अने द्रव्यदेशो नथी. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिका यना चार प्रदेशो शुं द्रव्य छे ? इत्यादि प्रश्न. [उ.] हे गौतम! १ कथंचिद् द्रव्य , २ कथंचिद् द्रव्यदेश छे-इत्यादि आठ 8 भांगा कहेवा यावत् द्रव्यो अने द्रव्यदेशो छे, जेम चार प्रदेशो कद्या तेम पांच, छ, सात यावद् असंख्येय प्रदेशो पण कहेवा. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायना अनन्त प्रदेशो शुं द्रव्य छे ? इत्यादि प्रश्न. [उ०] पूर्व प्रमाणेज जाणवू, यावत् कथंचित् द्रव्यो
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