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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir दव्वं ? पुच्छा, गोयमा! सिय दव्वं १ सिय दव्वदेसे २ अझवि भंगा भाणियब्या जाव सिय दब्वाइं च दब्वदेसा| भ्याख्या द्रय ८। जहा चत्तारि भणिया एवं पंच छ सत्त जाव असंखेज्जा।अणता भंते! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दव्वं०?,151 ८ शतके प्रज्ञप्तिः एवं चेव जाव सिय दब्वाइं च दब्वदेसा य ॥ (सूत्रं ३५६ )॥ उद्देशः१० ।।७३४|| [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायनो एक प्रदेश (परमाणु)'शु द्रव्य छे, २ द्रव्यदेश छ, ३ द्रव्यो छे, ४ द्रव्यदेशो छ, ५ ॥७३४॥ 8| अथवा द्रव्य अने द्रव्यदेश छ, ६ अथवा द्रव्य अने द्रव्यदेशो छे, ७ अथवा द्रव्यो अने द्रव्यदेश छ, ८ के द्रव्यो अने द्रव्यदेशो छे१ [उ०] हे गौतम ! ते कथंचिद् द्रव्य छ, कथंचिद् द्रव्यदेश छे, पण द्रव्यो नथी, द्रव्यदेशो नथी, द्रव्य अने द्रव्यदेश नथी, यावद् द्रव्यो अने द्रव्यदेशो नथी. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायना बे प्रदेशो शुं द्रव्य छे के द्रव्यदेश छे ? इत्यादि पूर्वोक्त |प्रश्न. [उ०] हे गौतम! कथंचित् द्रव्य छे, २ कथंचित् द्रव्यदेश , ३ कथंचित् द्रव्यो छे, ४ कथंचित् द्रव्यदेशो छ, ५ कथंचित् | द्रव्य अने द्रव्यदेश छ, पण द्रव्य अने द्रव्यदेशो नथी, बाकीना विकल्पोनो प्रतिषेध करवो. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायना त्रण प्रदेशो शुं द्रव्य छे, द्रव्यदेश छे ?-इत्यादि प्रश्न. [उ.] हे गौतम ! १ कथंचित् द्रव्य छे, २ कथंचित् द्रव्यदेश छे, ए प्रमाणे है सात भांगाओ कहेवा, यावत कथंचित् द्रव्यो अने द्रव्यदेश छे, पण द्रव्यो अने द्रव्यदेशो नथी. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिका यना चार प्रदेशो शुं द्रव्य छे ? इत्यादि प्रश्न. [उ.] हे गौतम! १ कथंचिद् द्रव्य , २ कथंचिद् द्रव्यदेश छे-इत्यादि आठ 8 भांगा कहेवा यावत् द्रव्यो अने द्रव्यदेशो छे, जेम चार प्रदेशो कद्या तेम पांच, छ, सात यावद् असंख्येय प्रदेशो पण कहेवा. [प्र०] हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकायना अनन्त प्रदेशो शुं द्रव्य छे ? इत्यादि प्रश्न. [उ०] पूर्व प्रमाणेज जाणवू, यावत् कथंचित् द्रव्यो CALCALCALCREGORCE For Private and Personal Use Only
SR No.020108
Book TitleBhagvati Sutram Part 03
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1938
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size12 MB
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