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३. गाथा
कम्माणं तु पहाणाए
. आणुपुव्वी कयाइ उ । जीवा सोहिमणुप्पत्ता ____ आययंति मणुस्सयं ॥
उत्त०. अ० ३ गा० ७
अर्थ
कर्मों के अनुसार एक योनि में से दूसरी योनि में भटकते हुए और अकाम निर्जरा के कारण कर्मों ___ का भार हलका हो जाने से जीव शुद्धि को प्राप्त करते
हैं और फिर किसी समय मनुष्य योनि में जन्म धारण कर लेते हैं।