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२४. गाथा
सोही उज्जुयभूयस्स
धम्मो सुद्धस्स चिट्ठई । निव्वाणं परमं जाइ
घयसित्तिव्व पावए ।
उत्त० अ० ३ गा० १२
अर्थ
सरल आत्मा की शुद्धि होती है और शुद्ध आत्मा में ही धर्म टिकता है। घी से सिंचित अग्नि के समान वह देदीप्यमान होकर परम निर्वाण को प्राप्त करता है।