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२५. गाथा
मूलाओ खंधप्पभवो दुमस्स
खंधाउपच्छा समुवेन्ति साहा। साहप्पसाहा विरुहन्ति पत्ता तओ सि पुष्पं च फलं रसो॥
वश० अ० ९ उ० २ गा० १
अर्थ
वृक्ष के मल से तना उत्पन्न होता है। फिर विभिन्न शाखाएं फूटती हैं। शाखाओं से प्रशाखाएं निकलती हैं। प्रशाखाओं पर पत्ते उगते हैं। फिर फूल खिलते हैं। फिर फल लगते हैं और पश्चात् फलों में रस उत्पन्न होता है।