Book Title: Bhagavana Mahavira ke Manohar Updesh
Author(s): Manoharmuni
Publisher: Lilam Pranlal Sanghvi Charitable Trust

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Page 174
________________ ६५ गाथा कोहे माणे माया लोभे पेज्जे तहेव दोसे य । हासे भए अक्खाइय उवघाए निस्सिया दसमा॥ प्र० साषा पद अर्थ क्रोध, मान, माया, लोभ, राग, ढेप, हस्य, भय, कल्पित वचन (व्याख्या) तथा उपघात-हिंसा के निमित्त से जिस भाषा का प्रयोग किया जाए वह सत्य प्रतीत होने पर भी असत्य हो कही जाती है।

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