Book Title: Bhagavana Mahavira ke Manohar Updesh
Author(s): Manoharmuni
Publisher: Lilam Pranlal Sanghvi Charitable Trust

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Page 188
________________ ७२. गाया १४४ भावणा जोग सुद्धप्पा जले गावा व आहिया । नावा व तीर सम्पन्ना अर्थ 1 सव्व दुक्खा तिउट्टइ ॥ सु० श्रु० १ अ० १५ १० ५ जैसे नौका किनारे पर पहुँच कर प्रत्येक संकट से पार हो जाती है ऐसे ही साधक जिसकी आत्मा भावना योग से शुद्ध होती हैं, वह सब कर्मों से मुक्त होकर दुखों से रहित हो जाता है ।

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