Book Title: Atmasiddhi in Hindi and Sanskrit
Author(s): Shrimad Rajchandra, Udaylal Kasliwal, Bechardas Doshi
Publisher: Mansukhlal Mehta Mumbai
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श्रीमद् राजचन्द्र
५ *
नीचे लिखे अनुसार जमा-खर्च करना । विगत उधार खाते नामे -
६४५४ || || १
फ्रामजी सन्स कम्पनीकी मार्फत लंदन मे० आरबथना लेथम-कम्पनीको भेजी हुई पार्सलें ता० को वापस आईं, उन पर तीन दिनकी मुद्दतकी ६४५४ || = ) | १ की हुंडी आई | उसकी मुद्दत आज पूरी होने पर नेशनल बैंक आफ इण्डियाको ६४५४|| - | १ भरे |
४८३३॥ - ॥ श्रीरंगून व्यापार खाते नामे
७८ = | |
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माणिकके २ बंडलकी पारसल नं० ६०९ की बिना हुंडीके लंदन भेजी उसके वापिस आने पर जाने-आनेका जो खर्च पड़ा उसकी विगत२८-० प० जाने-आनेका बीमा, ०-५-० वापिस आनेका पोटेज, २ -८-०, २४० पौंडकी जो वी०
पी० की थी उसकी पीछी आनेकी आढ़त १ टकेके भावसे ।
५-१० के १-३-८ भाव ७८ ||
* इस पत्रके उद्धृत करनेका मतलब यह है कि इसका आने पाई आदिका जितना हिसाब है वह सब श्रीमद् राजचन्द्रने बिना बहियोंके सहारे, केवल अपनी स्मृति परसे बाहर गाँवसे लिख कर भेजा था ।
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