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अर्ह
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
वर्ष 15, अंक 3, 2003, 43-47
अण्डाहार : धर्मग्रन्थ और विज्ञान ■ जगदीशप्रसाद * एवं रंजना सूरी *
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सारांश
वैज्ञानिक दृष्टि से अण्डाहार के दुष्प्रभावों की विवेचना के उपरान्त यह प्रतिपादित किया गया है कि अण्डाहार को शाकाहार बताना महज एक दुष्प्रचार है। आलेख में विभिन्न धर्मों में अण्डाहार के निषेध के प्रमाण भी प्रस्तुत किये गये हैं।
सम्पादक
अण्डा मांसाहार के समान हानिकारक :
डॉ. हेग ने लिखा है कि यद्यपि प्रयोगशालीय परीक्षणों में मैं अण्डों में यूरिक अम्ल की विद्यमानता का प्रेक्षण नहीं कर पाया हूँ तथापि मैंने पाया है कि अण्डों को भोजन में सम्मिलित करने से शरीर (रक्त) में यूरिक अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है। इससे यूरिक अम्ल सम्बन्धी अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। अतः मैंने (डॉ. हेग) अपने भोजन में से मांस-मदिरा मीन के साथ अण्डों को भी हटा दिया है। इससे मैं स्वस्थ रहता हूँ ।"
अण्डों की अनुपयोगिता का वैज्ञानिक कारण :
सान्द्र प्रोटीनों का शरीर के लिये कोई महत्व नहीं है। अण्डों में एल्बुमिन नामक प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में होता है। जल को यदि छोड़ दें तो यह लगभग शत प्रतिशत प्रोटीन प्रदान करता है। यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में नाइट्रोजन की एक निश्चित साम्यावस्था होती है, जिसको बदला नहीं जा सकता, जब तक कि मानव शरीर की मशीन की कार्यक्षमता न बदल दी जाये। अधिक नाइट्रोजन युक्त यौगिक प्रोटीनयुक्त अण्डा लेने का परिणाम यह होता है कि जब तक अण्डे की सारी प्रोटीन शरीर में पच पाती है, उससे पूर्व ही उसका सड़ना आरम्भ हो जाता है, जिससे शरीर में विषैले पदार्थों की उत्पत्ति होती है। प्रारम्भ में अण्डा लेने के बाद व्यक्ति को कुछ अच्छा सा लगता है, क्योंकि सान्द्र एल्बुमिन शरीर के नाइट्रोजन साम्य को कुछ सीमा तक बदलने का प्रयत्न करता है। क्योंकि साम्य को अधिक सीमा तक बदला नहीं जा सकता, अतः धीरे- धीरे सुखद अनुभूति तिरोहित होती जाती है और अन्त में व्यक्ति उस अवस्था में पहुँच जाता है जो पूर्व की तुलना में कोई अच्छी अवस्था नहीं होती है । 2
इसीलिये हृदयरोग विशेषज्ञ, नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. माइकल ऐस ब्राउन एवं डॉ. जोजेफ ऐल गोल्ड्स्टाइन का परामर्श है कि हृदयरोग से बचने के लिये मांस तथा अण्डे का सेवन न करें। उनका कथन है कि अमेरिका में पचास प्रतिशत मौतें केवल हृदयरोग के कारण होती हैं। उनके अनुसार, अब तक वर्षों से चली आ रही यह धारणा कि बच्चों को अण्डा देने से उन्हें कोई हानि नहीं होती, विपरीत निकली है। भले ही बच्चे ऊपर से हृष्ट-पुष्ट दिखाई दें, किन्तु अन्दर से वे हृदयरोग से ग्रस्त हो जाते हैं। 3
अण्डा रक्त में रिस्पेटरों को कम करता है :
* 115, कृष्णपुरी, मेरठ - 250002 (उ.प्र.)
** शोध छात्रा, रसायन विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ (उ.प्र.)
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आधुनिक भौतिक विज्ञान की नवीन खोज के अनुसार, रक्त में पाया जाने वाला पदार्थ लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन (LDL) है जो कोलेस्टोरेल को अपने साथ प्रवाहित करता है । शरीर में यकृत तथा अन्य भागों के सेलों में एक पदार्थ है जिसको रिस्पेटर कहते हैं, जो एल. डी. एल. तथा कोलेस्टेरोल को रक्त में विलीन करता है, जिसके फलस्वरूप रक्त प्रवाह में कोई बाधा नहीं आती। उपर्युक्त इन वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, जो व्यक्ति मांस
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