Book Title: Arhat Vachan 2003 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 146
________________ स्मृति शेष - विनम्र श्रद्धांजलि प्रो. जे. एन. कपूर, दिल्ली प्रो. एम. डी. वसन्तराज, मैसूर अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गणितज्ञ प्रो. जे. एन. कपूर का वर्ष 2002 में निधन हो गया। II. T., कानपुर में गणित के प्राध्यापक, मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति, जवाहरलाल नेहरू वि.वि., दिल्ली एवं MIT. - Canada में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके प्रो. कपूर की गणित इतिहास में विशेष रूचि थी। आप I.S.H.M. के उपाध्यक्ष थे। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की विभिन्न अकादमिक समितियों से जुड़े होने के कारण आप 1995 में ज्ञानपीठ पधारे थे। प्रो. गोपीचन्द पाटनी, जयपुर 84 वर्षीय प्रो. गोपीचन्द पाटनी का दिनांक 19.01.03 को जयपुर में निधन हो गया। अर्हत् वचन के नियमित पाठक प्रो. पाटनी श्रीमहावीरजी से निरन्तर जुड़े रहे। उन्होंने महाराजा कालेज के प्रिंसिपल तथा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में गणित विभाग के प्राध्यापक, अध्यक्ष तथा विज्ञान संकाय के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवायें दी थीं। जैन गणित में उनकी काफी रूचि रही । 144 Jain Education International जैन विद्याओं के वरिष्ठ अध्येता तथा दक्षिण भारत में जैनागमों के अध्ययन को गति प्रदान करने में अग्रणी भूमिका का निर्वाह करने वाले, अनेक पुस्तकों के लेखक प्रो. एम. डी. वसन्तराज का दिनांक 27.12.2002 को मैसूर में निधन हो गया। 78 वर्षीय प्रो. वसन्तराज के निधन से जैन समुदाय की अपूरणीय क्षति हुई है। श्री अमरचन्द जैन 'होमब्रेड', मेरठ मेरठ के प्रसिद्ध युवा उद्योगपति श्री अमरचन्द जैन 'होमब्रेड' का दिनांक 21 मार्च 2003 को मेरठ में निधन हो गया। आप अपनी कर्मठता, सरलता एवं समर्पण की भावना के कारण अत्यन्त लोकप्रिय थे। वे मूलत: सलावा (ग्राम) के निवासी थे। मेरठ की अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े होने के साथ ही वे दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर के मंत्री थे। उनके निधन से समाज की हुई क्षति की पूर्ति असंभव है। अर्हत् वचन, 15 (3), 2003 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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