Book Title: Arhat Vachan 2003 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 131
________________ श्रुत संवर्द्धन संस्थान एवं पुरस्कार योजना वर्तमान में यत्र-तत्र - सर्वत्र नवनिर्माणों की धूम मची होने से जिनवाणी के संरक्षण का कार्य किंचित शिथिल होने लगा। इस परिस्थिति को देखकर कुछ वर्षों पूर्व निस्पृही सराकोद्धारक संत परम पूज्य, उपाध्यायरत्न मुनि श्री ज्ञानसागरजी महाराज की प्रेरणा से जिनवाणी के उपासकों को साहित्य संरक्षण एवं सृजन हेतु मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु श्रुत संवर्द्धन संस्थान की स्थापना के विचार का जन्म तो 1991 में ही हो गया था किन्तु इसकी विधिवत् स्थापना 1996 में मेरठ में की गई। सुविधा सम्पन्न ग्रन्थालय का विकास, संस्थान के मुखपत्र 'सराक सोपान' का प्रकाशन, शोध परियोजनाओं का क्रियान्वयन आदि की प्रकिया तो गतिमान है ही किन्तु अपने-अपने स्थान पर रहकर विविध रूपों में साहित्य की सेवा करने वाले विद्वानों को सम्मानित करने की योजना को सहयोगी संस्था प्राच्य श्रमण भारती, मुजफ्फरनगर के सहयोग से मूर्त रूप दिया गया। वर्ष 2002 तक निम्नलिखित 31 विद्वानों को सम्मानित किया जा चुका है - 1. डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य, सागर (1991) 17. पं. नाथूलाल जैन शास्त्री, इन्दौर (2000) 2. पं.श्रुतसागर जैन, न्यायतीर्थ,मालथौन,सागर (1991) 18. डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर (2000) 3. प्रो. उदयचन्द्र जैन, सर्वदर्शनाचार्य, वाराणसी (1997) 19. डॉ. शेखरचन्द्र जैन, अहमदाबाद (2000) 4. डॉ. अमृतलाल जैन शास्त्री, वाराणसी (1997) 20. डॉ. बी. के. खड़बड़ी, मिरज (2000) 5. प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन, आरा (1997) . 21. डॉ. (श्रीमती) रश्मि जैन, फिरोजाबाद (2000) 6. ब्र. (पं.) भुवनेन्द्रकुमार जैन, सागर (1997) 22, पं. मल्लिनाथ जैन शास्त्री, चैन्नई (2001) 7. पं. जवाहरलाल जैन, भिण्डर (उदयपुर) (1998) 23. डॉ. श्रेयांसकुमार जैन, बड़ौत (2001) 8. प्रा. चेतनप्रकाश पाटनी, जोधपुर (1998) 24. श्री जयसेन जैन, इन्दौर (2001) 9. प्रा. नरेन्द्रप्रकाश जैन, फिरोजाबाद (1998) 25. डॉ. भागचन्द्र जैन 'भास्कर', नागपुर (2001) 10. डॉ. फूलचन्द्र जैन 'प्रेमी', वाराणसी (1998) 26. डॉ. (श्रीमती) नीलम जैन, गाजियाबास (2001) 11. पं. रतनलाल जैन शास्त्री, इन्दौर (1998) 27. पं. सागरमल जैन, विदिशा (2002) 12. डॉ. रतनचन्द्र जैन, भोपाल (1999) 28. पं. लालचन्द्रजैन 'राकेश', गंजबासौदा (2002) 13. पं. शिवचरनलाल जैन, मैनपुरी (1999) 29. श्री पारसदास जैन, दिल्ली (2002) 14. श्री अजितप्रसाद जैन, लखनऊ (1999) 30. डॉ. कमलेशकुमार जैन, वाराणसी (2002) 15. श्री रामजीत जैन एडवोकेट, ग्वालियर (1999) 31. श्रीमती माधुरी जैन, जयपुर (2002) 16. डॉ. कस्तूरचन्द्र जैन 'सुमन', श्रीमहावीरजी (1999) वर्ष 1988 से श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ ने नियमित रूप से 5 वार्षिक पुरस्कार प्रदान करने का निश्चय किया है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक पुरस्कृत विद्वान को रु. 31,000.00 की नगद राशि, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से समारोहपूर्वक सम्मानित किया गया। वर्ष 2003 में भी योजना गतिमान है। पुरस्कारों का विवरण निम्नवत् है - 1. आचार्य श्री शांतिसागर छाणी स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2003 यह पुरस्कार जैन आगम साहित्य के पारंपरिक अध्येता/ टीकाकार विद्वान को आगमिक ज्ञान के संरक्षण में उसके योगदान के आधार पर प्रदान किया जायेगा। 2. आचार्य श्री सूर्यसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2003 यह पुरस्कार प्रवचन - निष्णात एवं जिनवाणी की प्रभावना करने वाले विद्वान को प्रदान किया जायेगा। 15 (3), 2003 129 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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