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अपभ्रंश भारती 19
अव्यय
अर्थ
आज
क्र.सं. 1. 2. 3. 4.
पद.पंक्ति संख्या 5.1 21.1, 11.3, 17.3 4.1, 15.2
12.3
6.
अव्यय अज इय उप्परि एम किंपि केम जिम जइ जहिं-जहिं जि जि जु
इस प्रकार ऊपर/उर्ध्व इस प्रकार कुछ भी कैसे जिस प्रकार यदि जहाँ/जिस ही
3.3, 4.3 13.3 5.3 8.1
8.
6.
9.3
10. 11. 12.
+
15.2
15.3
5
12.
नहीं
8.3 10.2, 10.3, 14.3
नहीं
15.
5.3
तिम तहि-तहि
तोवि
6.2 8.3 5.1
धुअ
वैसे/इसी प्रकार वहाँ/उस तो भी निश्चय नहीं फिर परलोक पूर्व, पहले
19.
20.
पुणु
4.3,8.1 2.3 21.3 22.2 8.1, 11.1, 14.3, 15.1, 15.2, 18.1
जैनविद्या संस्थान अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर-4