Book Title: Anupan Manjari
Author(s): Vishram Acharya
Publisher: Gujarat Aayurved University

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्राक्कथन पुरातन साहित्य का उद्धार तथा नवीन साहित्यके निर्माणको प्रोत्साहन देकर वाङ्मयकी वृद्धि करना, उसके प्रकाशन प्रसारण द्वारा जिज्ञासु लोग तथा जनसमुदाय में ज्ञान विधामाकी तृप्ति के साधन उपलब्ध कराना युनिवर्सिटीयों का कर्तव्य है। तदनुमार आयुर्वेद के लुप्त तथा अविकसित अंगोको पुष्टि करनेवाले प्राचीन साहित्य का प्रकाशन करनेका कार्यक्रम आयुर्वेद युनिवर्सिटी स्वीकृत किया है। इस के प्रथम पुण्य के रूपमें गुजरात के ही एक लेखक की छोटी सी कृति “ अनुपानमंजरी" का प्रकाशन हो रहा है यह हर्ष की बात है। आशा है विद्वद्गण इस प्रथम पुष्पका स्वागत करेंगे तथा इस कार्य को गुणवत्तर बनाने के अपने सुझाव देकर भावि कार्य के लिए पथ प्रदर्शन करेंगे । जन्माष्टमी दिनांक : १-९-७२ जामनगर. वि. ज, ठाकर कायं वाहक कुलपति गुजरात आयुर्वेद युनिवर्सिटी जामनगर For Private And Personal Use Only

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