Book Title: Anubhav ka Utpal
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 13
________________ १२५ १२६ १२७ १२८ १२९ १३० १३१ १३२ १३३ १२५ मानो या मत मानो १२६ उपासना का मर्म १२७ आत्म-विश्वास १२८ आत्म सत्य १२९ झुकाव १३० निवृत्ति और प्रवृत्ति ५३१ समस्या और समाधान १३२ समय की कमी १३३ व्यक्ति और विलास १३४ प्रेम१३४ १३५ श्रृंखला १३६ मन्दिर के देवता १३७ स्व-दर्शन १३८ ज्योति १३९ सत्य दर्शन १४० शांति और संतुलन १४१ प्रकाश और स्वास्थ्य १४२ संतोष १४३ मर्यादा का बोध १४४ मुक्ति १४५ अज्ञात १४६ समता का क्षितिज १४७ कसौटी की कसौटी १४८ पहचान का प्रश्न १४९ प्रस्तुतिकरण १५० प्रतिकार १५१ न्याय की मांग १५२ विसर्जन १५३ भाग्यरचना १५४ विष : अमृत १५५ शक्ति-स्त्रोत १५६ परिणाम १३५ १३६ १३७ १३८ १३९ १४० १४१ १४२ १४३ १४४ १४५ १४६ १४७ १४८ १४९ १५० १५१ १५२ १५३ १५४ १५५ १५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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