Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 376
________________ (सुत्तंकसहिओ) ૩૭૫ सव्वगाहि [सर्वग्राहिन्] मधु ४१५४२नार || વિમાન, સવાર્થસિદ્ધ નામક મુહૂર્ત नाया. ५३; भग. ८६०: सव्वगुणसंपन्नया [सर्वगुणसम्पन्नता] सघा | सव्वट्ठग्गसिद्ध [सर्वार्थकसिद्धामो 6५२ ગુણોથી યુક્ત पन्न. ३४९; उत्त. ११५७: सव्वट्ठलद्धिसिद्ध [सर्वार्थलब्धिसिद्ध] ने सर्व सव्वग्ग [सर्वाग्र आधा परिएम, Misी 2011- અર્થલબ્ધિ સિદ્ધ થયેલ છે તે અગ્ર ભાગે चउ. २४; टा. ७४७,७५३,९०८; सव्वट्ठविमाण [सर्वार्थविमान] पांय, अनुत्तर सम. ४२,१६४; राय. ३६; વિમાન जीवा. १७५,१८७,१९०,१९१,२२२: देविं. २७३; जंबू. १२८,१५१,२०१,३६० थी ३६२; सव्वदृसिद्ध [सर्वार्थसिद्धाओ ७५२' सव्वचारिसर्वचारिन धेरनार ठा. १५६,१५८,३५०,४८९; टा. ४९१: सम. १,२५,९९,१०९; सव्वचारित्तवुड [सर्वचारित्रवृद्धा सर्व यारित्रेरी भग.३२,२६३,३००,३८३,३८४,३८६, વૃદ્ધિ પામેલ ४२५,४२६,५५१.५५५,५५८,६५७,६५८, दसा. ९८ः ७७०,७८०,८५७: सव्वजन [सर्वजन] सघials नाया. १५९.२१८ जंबू. ७४; अनुत्त. २.६.१२,१३: सव्वजस [सर्वयशस्] मे विचा विवा. ३७,४६, उव. ५२,५५: भग. २०० जीवा. ६०.६१,१३४.१३५: सव्वजीव सिर्वजीव] १॥ वो पन्न. १९१,२३४,३३०.३४१,५०७; भग. ३२१; वण्हि. ३; देविं. १८४,१८६; सव्वजोणिय [सर्वयोनिक] पछी योनि-उत्पत्ति | सव्वट्ठसिद्धक [सर्वार्थसिद्धक] हुमो સ્થાન “सव्वट्ठसिद्ध' सूय. ७०३: भग. ३८७: सव्वणसुवण्णमती [सर्वार्जुनस्वर्णमयी सघणी । सव्वट्ठसिद्धग [सर्वार्थसिद्धक] ४मो (प्रतिम) आठुनसुवानी बनेकी “सव्वट्ठसिद्ध' पन्न. २३५: भग. ५६५,७४८,८५७.९१५: सव्वय [सर्व का संयम, सद्धर्भ जीवा. ६२,६४,१५३: सूय. ४७: पन्न. ३०६,३२८.३५३.४३७.५०५: सव्वट्ठ [सर्वार्थ) सार्थ सिद्ध विमान, मे मुहूर्त उत्त. १६७९: सम. २१३,२४५: भग. ३८३; सव्वट्ठसिद्धय [सर्वार्थसिद्धज] सर्वार्थसिद्ध जीवा. २९.९: सूर. ६०ः વિમાનમાં ઉત્પન્ન चंद.६४: जंबू. २९५; अनुओ. १५० उत्त. १५२१,१७०७ सव्वट्ठसिद्धि [सर्वार्थसिद्धि] मे विविमान सव्वद्वगसिद्धग [सर्वार्थकसिद्धग] सार्थ सिद्ध ! भत्त. १७१: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530