Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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आगमसद्दकोसो
सेय [सैज] उपयुक्त
सेयबंधुजीवय [श्वेतबन्धुजीवक] हुमो ७५२' भग. २५७;
पन्न. ४६४; सेयंकर [श्रेयस्कर] स्याएst२४
सेयभद्द [श्रेयोभद्र में यक्ष ठा. ९४;
सूर. १९८,२०५; विवा. २७; सेयंकार [श्रेयस्कार से माह
सेयमल्लपोच्चड [स्वेदमलपोच्चड] ५२सेवा भने टा. ९२२;
મળથી મલિન सेयकंट [श्चेतकण्ठ] भूतान छन्द्रनी महिष तंदु. ११२, સેનાનો અધિપતિ
सेयमाल [श्वेतमाल] श्वेतभाग टा.४३८;
जीवा. १८५; जंबू. ३२; सेयकणवीर [श्चेतकणवीर] श्वेतोर सेयविय सेव्य सेवा योग्य व्रतule राय. १५ जीवा. १६४;
सूय. ३०३; पन्न. ४६४;
सेयविया [श्वेतविका] अश्य शिनी ॥४सेयकाल [एष्यत्काल] भाभी
ધાનીનું નગર भग. १८१,२३९; अ.नंदी. १;
.६८९;
राय.४८,५२; सेयचंदन [श्वेतचन्दन] स३६ यंहन
पन्न. १७२; पण्हा . ४५;
सेया श्वेतक/स३६ सेयट्टि [श्वेतास्थि साई
भग. ४६५,५८७; नाया. ८९; पण्हा. ३९;
सेयायण सेवआयतन] डीयsanjस्थान सेयण स्वेदनारोगनी शांति भाटेसात मारना निसी. १९१; ધાન્યની પોટલી બાંધવી તે
सेयाल [एष्यत्काल भाभी नाया. १४७;
पन्न. ५५२,५५४,५५५; सेयण [सेचन] पाएन सिंयq
उत्त. ११८५; विवा.९;
सेयासोग [श्वेताशोक मे धान सेयणग सेचनक] भेनामनोथी विवा. ४२; निर. १७,१८;
सेयासोय [श्वेताशोक में उद्यान सेयणगसंठित सेचनकसंस्थिता सेयन हाथीन राय. १५;
पन्न. ४६४; આકારે રહેલ
सेरियक [सैरेयक में नामनु मे वृक्ष सूर. ३५; चंद. ३९;
_ भग. ८२७; सेयणपथ सेचनपथ] पाएनन
सेरियय [सैरेयक] हुमो 6५२' आया. ५००
पन्न. ५३; सेयणय [सेचनको ‘सेयणग'
सेरिया सेरिकामे वृक्ष भग. ६५२; नाया. १८,२२, __ जंबू. ३२,१६६; सेयता श्वेतता] स३५j
सेरियागुम्म [सेरिकागुल्म] शुभ वनस्पतिसूर. ३५; चंद. ३९;
વૃક્ષ सेयबंधुजीव [श्वेतबन्धुजीव] श्वेतviधु ®4 || जीवा. १८५; નામની વનસ્પતિ
सेरुतालवन सेरुतालवन] वृक्ष-वन राय. १५;
जीवा. १६४; || जंबू. ३२;
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