Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 442
________________ (सुत्तंकसहिओ) पत्र. २३; सुक्किलय [ शुक्लक] श्वेतप भग. ५४६,६२०,७८६; पत्र. ४६४; सूर. १९५; चंद. १९९; सुक्किलवत्थ [शुक्लवस्त्र ] सह वस्त्र गच्छा. ८९; सुक्किलसुत्तय [ शुक्लसूत्रक ] स३६ छोरो पन्न. ४६३; सुकिला [ शुक्लक] श्वेत भग. ७७०; सुक्किल [ शुक्ल ] श्वेत आया. १८४, ४७३; टा. ४७,४०६, ४२४,४२९,५१२; सम. ५२; पन्न. ५५५; सुक्कीय [सुक्रीत] सारी रीते परीहेलुं दस. ३३८; सुक्ख [सौख्य] सुप, साता सम. २२२; संथा. ३१; सुक्ख [शुप्] सुझा महानि. १५५; सुक्खपडिवक्ख [सौख्यप्रतिपक्ष] सुजनो प्रति पक्षी, दु:ख सूय. ३६७,६४१; नाया. १५; सुखेत [सुक्षेत्र ] सारं क्षेत्र भत्त. १२३; सुखचिय [सुखचित्त] सारी रीते शएशगारेल ठा. ९७५; सुग [ शुक] पोपट उव. ७६; देविं. २२४; नाया. १८; पत्र. १६३; सुगइ [सुगति ] सारी गति, सिद्धि गति सम. २१६; सूय. ९१; सुगइगति [सुगतिगामिन्] सहूगतिमां ४ नार पन्न. ४६६; Jain Education International सुगइमग्गगमण [ सुगतिमार्गगमन ] सद्गतिना માર્ગે જવું भत्त. ८०; सुगंध [सुगन्ध] सारी गंध, सुगंधी पद्यार्थ टा. ७०२; भग. ८४, ४६५, ५०६, ५१८,५४९; नाया. १२, १५, १८, २२, २५, ५७, ६८; पण्हा. ११, १९, ४५; उब. २,२९, राय. ६,१०,१५,२८,३६,४२, जीवा. १६७, १७५, १७९, १८०, १८५; पन्न. २०३,२०५, २१७; चंद. २०१; सूर. १९७; जंबू. ३४,४३,५६,६०,७७,१२२,२१७; पुप्फि. ८; दसा. ९९; दस. १७६; उत्त. ८२०; सुगंधत्ता [सुगन्धत्व] सुगंधपशु भग. २८०; सुगंधनीसास [सुगन्धनिःश्वास] सुगंधी उच्छ्वास देविं. २४७; सुगंधि [सुगन्धि] सुगंध, खुशखु सम. २३८; ४४१ पण्हा. ४३; उव. ३, ४; राय. २९; जीवा. १६४, १६९; जंबू. ३२; सुगंधिय [सुगन्धिक] सुगंधवाणु, खेड भतनुं डूस भग. ५९४; राय. ४२, ८४; पन्न. ७७; सुगत [सुगत ] सारी गतिवाजा, गुगी ठा. १९४; सुगति [ सुगति ] सद्दगति, भोक्ष उव. ५०; जीवा. १७९; ठा. १९४; दसा. ८२; सुगतिपह [सुगतिपथ] सहूगतिनो भार्ग, भोक्ष-भार्ग पण्हा. ३६, ३९; सुगपत्त [ शुकपत्र] यतुरिन्द्रिय व जंबू. ८१; सुगर [सुकर खो सुकर आया. २७२; सुगिम्हग [सुग्रीष्मक ] चैत्र भासनुं ठा. ३०४; For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530