Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 484
________________ (सुत्तंकसहिओ) ४८३ सूर. २४; चंद. २८; राय. ३२; , सूरियपडिहि [सूर्यप्रतिधिसूर्य परिवेष सूरी सूाियार्थ सूर. ४१; चंद. ४५; गच्छा .८; सूरियमंडल [सूर्यमण्डल] सूर्यनुभंति क्षेत्र सूरुग्गमण [सुरोद्गमन] सूर्यनु आते सम. १७८; जंबू. ४९; सूरियाभ [सूर्याभ] सूर्याम नामनो हेव- भूग || सूरुग्गमणपविभत्ति [सुरोद्गमनप्रविभक्ति मे પ્રદેશ રાજાનો જીવ હતો તે, સૂર્યાભ નામનું દેવતાઈનાટ્ય વિશેષ એક દેવવિમાન જ્યાં સૂર્યાભદેવ રહે છે राय. २४; भग. ४८९,४९१; सूरुत्तरवडेंसग [सुरोत्तरावतंसक] त्री-योथ नाया.१४५,२२०; દેવલોકનું એક દેવવિમાન राय. ५,६,८,१० थी २७,३०,३३,३६,३८, सम. ५, ४० थी ४७,८१,८२, सूरोद [सूरोदो नामनोस द्वीप- समुद्र जंबू. २३९; पुष्फि. ३,८; सूर. १९३, चंद. १९७; सूरियाभगम [सूर्याभगम] सूर्याला हेवतानो सूरोदय [सूरोदय सूर्यनो ध्य આલાવો-વિશેષ सम. १४१; पिंड. २३४,२३५; जंबू. २२८; सूरोवराग [सूरोपराग] सूर्य सूरियाभविमान [सूर्याभविमान] सूमि हेवन | ___ भग. १९४; जीवा. १८५,२८७; વિમાન अनुओ. १६३; भग. १९४; सूरोवराय [सूरोपराग] सूर्यग्रहए। सूरियाभविमानपइ [सूर्याभविमानपति सूर्याभ- टा. ९०१; વિમાનનો સ્વામી सूल [शूल] शूज, siसी, त्रिशूज, शूप नारोग राय. १२; सूय. ३३६,७६३,७६४,७६५; सूरियाभविमानवासि [सूर्याभविमानवासिन्] सम. २२७; पण्हा.८,१५; સૂર્યાભ વિમાનમાં રહેનાર विवा. १७,२३,२८,३३; उव. ३१; राय. ५,१२ थी १४,१६,१७,४२,४४, जीवा. १०५; जंबू. ६८,१२१; सूरियावत्त सूर्यावर्ती सूर्य नेमावर्तन छेते तंदु. १०२; गच्छा.७९; મેરુ પર્વત, એક દેવવિમાન दसा. १०१, उत्त.६७५ सम. ४०; सूर. ३६; सूलग्ग [शूलाग्र] त्रिशुसनो मनमा चंद. ४०, जंबू. २०४; पण्हा. ८,१६; जीवा. ९८; सूरियावरण [सूर्यावरण] सूर्य नेमावरेछ - २ सूलपाणि शूलपाणि] डे थमा त्रिशूल नामे છે તે મેરુ પર્વત આયુધ છે તે ઇશાનેન્દ્ર सम. ४०; सूर. ३६; पत्र. २२८; जंबू. ४६,२३०; . चंद. ४०; जंबू. २०४; सूलभिन्नग शूलभिन्नक] शूगी यहावी ही सूरिल्लमंडबग [सूरिल्लमण्डपक] ग्राम नाम નાખેલા તૃણનો માંડવો उव.४४; राय.६५; राय. ३२; जीवा. १६५; सूलभेय [शूलभेद] शुओ G५२' सूरिल्लमंडवय [सूरिल्लमण्डपक हुमो ५२ पण्हा.४५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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