Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 479
________________ ४७८ जीवा. १६५; सुहोवभोग [सुखोपभोग] सुपेरीने उपलोग धर्म શકે તે जंबू. ५१,५२; सू [ सू] निंधासू अव्यय महानि. १७८; सूअ [सुचय्] सुथना रवी सम. २१६; सूइ [ सूचि ] सोय, परिभाए। विशेष, खेड खाडाश પ્રદેશ શ્રેણિ, પાતળી ખીલી जंबू. १२९; आया. १९८; निसी. १९,२३,२७,३१,३५; सूइकलाव [शूचिकलाप] सोयनो समूह सम. २५३; सूइतल (शूचितल] सोयनी सपाटी पण्हा. ८; भूत [शूचीभूत] सोय३५ जीवा. १७९; सूइय [सूप्या] लींभवेल - खाई रेस आया. ३३०; सूइय [सूत] ४ ४न्म खायेस छेते नाया. ७५; सूइय [सूपिक] छान डे छडी साहिथी खाई रेस ભાત વગેરે दस. १७३; सूइया [सूचिका ] ६२, सोय पण्हा. १६; सूइया [ सूतिका ] नवप्रसूता गाय वगेरे दस. ८७; सूई [सूची] सोय, जीसी, खाडाश महेश श्रेणी आया. ४९१; सूय. २८९; भग. ८४६; पण्हा. ४५; विवा. २९; राय. १५, २७, ३२; जीवा. १६३, १६५, १६७; भत्त. ८६; निसी. १५,७२; अनुओ. २६३, २७०; Jain Education International तंदु. ८४; उत्त. ११७२; सूईअंगुल [सूच्यङ्गुल] भेड भाप विशेष अनुओ. २६३, २७०; सूईकलाव [शूचीकलाप] सोयनो समूह जीवा. ३२, ३३; सूईपडंतर [शूचीपुटान्तर] जे खाडाश अहेश श्रेणी વચ્ચેનું અંતર आगमस कोसो राय. ३४; सूईफलय [शूचीफलक] सोयनुं इं राय. ३४; सूईभूय [शूचीभूत] सोय ३५ जीवा. १६-३; राय. ४३; सूईमुख [ सूचीमुख] पक्षी विशेष, भेड जे धन्द्रिय જીવ, પાટીયામાં જ્યાં નાની ખીલી લગાડાય ત્યાંની નજીકની જગ્યા पण्हा. ७; सूईमुह [सूचीमुख] खो 'उपर' राय. ३४; ठा. ९८, ९९; सूड [भ] भांग, तोडवु पण्हा. ७; पत्र. १४९; सूवूह [ सूचीव्यूह ] सैन्यनो खेड व्यूह के सोय આકારે રહેલ હો તે पण्हा. १५; सूकर [शूकर] सुवर, २ पण्हा. ११; सूकरकरण [सूकरकरण] सुवरनुं शिक्षए। } डीडा સ્થળ जीवा. १६३; निसी. ७६९, १२५४; सूकरजुद्ध [सूकरयुद्ध] सुवरनुं युद्ध निसी. ७७०, १२५५; सूचि [ सूचि] खो" सूइ” For Private & Personal Use Only नाया. १६३; सूचिकलाव [शूचिकलाप ] सोयनो समूह जीवा. ९८; सूची [सूची] खो "सूइ” पत्र. ४२३, ५११; पण्हा. ११; सूणगलंछणय [सूणालाञ्छणक] पापना स्थानना www.jainelibrary.org

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