Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 396
________________ (सुत्तंकसहिओ) ૩૯૫ सामण्णतोविणिवातिय [सामान्यतोविनिपातिक] || सामलया [श्यामलता झेनामनी से वनस्पति જુઓ ઉપર લતા जीवा. १७९: उव. ४; राय. २९: सामण्णपरियाग [श्रामण्यपर्याय] श्रम९५९uनो जीवा. १६३,१६८.१७५,१८५: પર્યાય-કાળ जंबू. ३२ सम. २१३: सामलयापविभत्ति [श्यालताप्रविभक्ति मेहेव नाया. ४०.४१.५३.६७.६८.७३,८०,१४४. -તાઈ નાટ્ય વિશેષ १५२,१५५.१५७.१५९.१६७.१८२.१८३, राय. २४; २१३,२२० उव. ४४.५१; सामलयामंडवग [श्यामलतामण्डपक] श्यामलता . सामण्णपरियाय [श्रामण्यपर्याय हुमो ५२ નામક વનસ્પતિનો માંડવો अनुत्त. १,२: जंबू.. ४६.१२५: जीवा. १६५: दसा. १११: सामलयामंडवय [श्यामलतामण्डपक हुमो ०५२ सामण्णपुव्वय [श्रामण्यपूर्वक] "सवेयालिय" जीवा. १६५: સૂત્રનું એક અધ્યયન सामलि [शाल्मलि] मलि नाम वृक्ष, दस. ६: દેવકુરુક્ષેત્રમાંનું સુવર્ણકુમાર દેવતાને ક્રીડા. सामत्त श्यामत्व] Sanj કરવાનું ક્ષેત્ર, વત્સગોત્રની શાખા, તે શાખાનો आया. ७९ः પુરુષ सामत्थ [सामर्थ्य शक्ति, सामथ्र्य ठा. ६०२,९३२ नाया. ३३,६८,९५,१७२: भग. ६२५,६७२, अनुत्त. १०ः अंत. १३: पण्हा. १५: पण्हा. ८,१९: जीवा. १८५: सामन्नदिट्ठ [सामान्यदृष्ट] भनुमानना २, सामली शाल्मलीमो ७५२' પૂર્વે જોયેલ વસ્તુ પરથી અનુમાન કરવું તે सूय. २६९; जंबू. १८३; अनुओ. ३०५: सामवेद [सामवेद] यार वेहमानो वह सामन्ननरिंद [सामान्यनरेन्द्र] सामान्य २०॥ टा. १९८; भग. ११२; महानि. १४९८ः नाया. ९२, उव.४८: सामल [श्यामल] आणु सामवेय [सामवेदामो ७५२' नाया. १८४: जंबू. ८१: सामलता श्यामलता] भेनामी वेद नाया. ६७,१५८; विवा. २७; सामा श्यामा] जीखी, सोजवर्षनी स्त्री, रात्रि, पन्न. ५७; सामलतामंडवग [श्यामलतामण्डपक] 'श्याम એક જાતનું ધાન્ય, શક્રના લોકપાલની લતા' નામની વેલનો માંડવો પટ્ટરાણી, એક વિશેષ નામ जीवा. २९०ः ठा. २८७,६४१: सम. २६९; सामलतामंडवय [श्यामलतामण्डपक]हुमो ५२ उवा. २९: विवा. ३३; जीवा. २९० पन्न. २१४,४६४: सामलय [श्यामलक] 51, stmulilaj, मे अनुओ. २०२,२१७,२२७; વનસ્પતિ सामाइअ [सामायिक यात्रिन पायमेहमानो नाया. १८४; એક ભેદ, શ્રાવકનું નવમું વ્રત, દેશ વિરતિરૂપ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530